राजनीतिक दुर्भावना में किये तबादलों से खफा शिक्षक आज देंगे धरना

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कोटा। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के द्वारा हाल ही राजनीतिक दुर्भावना और द्वेष से प्रेरित स्थानान्तरणों के विरोध में तीव्र आन्दोलन किया जाएगा। सरकार तबादलों द्वारा शिक्षकों को प्रताड़ित करना चाहती है। शैक्षिक सत्र के बीच में किए गए तबादलों से शिक्षा पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।

संघ के पदाधिकारियों ने प्रेस क्लब में पत्रकारों को बताया कि सरकार द्वारा किए स्थानान्तरण पूरी तरह से अव्यवहारिक हैं। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय द्वारा अपनी बात रखने के लिए शिक्षामंत्री से भी बात करनी चाही, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में संघ द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गुरूवार को सभी उपखंड मुख्यालयों पर एसडीएम को ज्ञापन देकर चेताया जाएगा।

कोटा में दोपहर 2 बजे कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन होगा। मांगें पूरी नहीं हुईं तो 14 अक्टूबर को मुख्यालय निदेशालय बीकानेर पर हजारों शिक्षकों के द्वारा विशाल धरना और प्रदर्शन किया जाएगा। संगठन के सभा अध्यक्ष देवलाल गोचर ने बताया कि शिक्षा विभाग में स्थानान्तरण के इच्छुक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।

शिक्षामंत्री द्वारा इन आवेदनों के माध्यम से ही स्थानान्तरण करने के लिए कईं बार आश्वस्त भी किया था। इसके बावजूद सरकार द्वारा मनमाने तरीके से 29 सितम्बर को एक ही रात में 8 हजार तबादले कर दिए। वहीं, उसी रात को 2 हजार तबादलों में संशोधन भी कर दिया गया। जो कि तकनीकी रुप से भी गलत हैं।

कोटा के शिक्षक का स्थानान्तरण बांसवाड़ा और डूंगरपुर किया गया है। इसमें विधवा, परित्यक्ता, महिला और दिव्यांग शिक्षकों का भी ख्याल नहीं रखा गया। जबकि शिक्षा मंत्री ने वार्ता के दौरान स्थानान्तरणों में पूर्ण पारदर्शिता बरतने और उत्कृष्ट कार्य करने वाले, गंभीर रोग से ग्रस्त, विधवा, परित्यक्त, पुरस्कृत शिक्षकों को वरीयता देने की बात कही थी। समीप के स्थान पर पद रिक्त होने के बावजूद सीमान्त इलाके में किया गया तबादला सरकार की कुत्सित मानसिकता को प्रकट करता है।

सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले कर दिया स्थानान्तरण
प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया कि स्थानान्तरण सूचियों को देखने से ही पता चलता है कि पिछली सरकार में स्थानान्तरित हुए प्रधानाचार्य और शिक्षकों को राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का कार्यकर्ता मानते हुए राजनीतिक द्वेषता का परिचय दिया है। यहां तक कि सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले भी स्थानान्तरण कर दिया गया।

कोटा की एक विधवा व्याख्याता को रामपुरा कोटा से पास में अन्यत्र जगह खाली होने के बावजूद बांसवाड़ा भेज दिया गया। देवकीनन्दन सुमन तथा उप सभाध्यक्ष दिनेश स्वर्णकार ने कहा कि क्षेत्र के उत्कृष्ट कोटि के व्याख्याता और संस्था प्रधानों से अभिभावकों एवं छात्रों में भी आक्रोश व्याप्त है। जिसका प्रकटीकरण प्रदेश भर में स्कूलों में हो रही तालाबंदी और छात्रों के आन्दोलन से हो रहा है।

इन आन्दोलनों को दबाने के लिए सरकार के द्वारा छात्रों को टीसी दी जा रही और तालाबंदी के विरोध में रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और निन्दनीय कृत्य है। इस दौरान संभाग संगठन मंत्री जोधराज परिहार, जिलाध्यक्ष नवल किशोर शर्मा, जिला मंत्री रासबिहारी यादव, बूंदी जिलाध्यक्ष अनिल सामरिया उपस्थित रहे।