रबी सीजन में तुवर एवं उड़द दाल के भाव में तेजी बनी रहने के आसार

127

मुम्बई। घरेलू प्रभाग में उत्पादन घटने की संभावना से निकट भविष्य में तुवर दाल एवं उड़द दाल का भाव ऊंचा तथा मजबूत रहने के आसार हैं। हालांकि सरकार 4 लाख टन तुवर एवं 10 लाख टन उड़द का आयात सुनिश्चित करने की योजना बना रही है, ताकि घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाई जा सके मगर ऐसा होना मुश्किल लगता है।

2023-24 सीजन के दौरान म्यांमार में करीब 3.50 लाख टन तुवर एवं करीब 8 लाख टन उड़द का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि एक लाख टन उड़द का पिछला बकाया स्टॉक भी उपलब्ध होगा।

तुवर के नए माल की आवक जल्दी ही बढ़ने वाली है जबकि उड़द की नई फसल वहां फरवरी 2024 में आने की संभावना है। अफ्रीकी देशों से तुवर का आयात जारी है, जबकि म्यांमार से नए माल का निर्यात दिसम्बर के अंत या जनवरी के आरंभ से शुरू हो सकता है।

ध्यान देने की बात है कि घरेलू प्रभाग में तुवर की नई फसल की छिटपुट कटाई-तैयारी शुरू हो गई है और आगामी समय में इसकी रफ्तार बढ़ने की संभावना है। जनवरी-फरवरी में तुवर के नए माल की अच्छी आपूर्ति होने की उम्मीद है और उसी समय म्यांमार तथा अफ्रीकी देशों से भी इसका बेहतर आयात हो सकता है लेकिन कीमतों में ज्यादा नरमी आना मुश्किल लगता है।

घरेलू उत्पादन घटने की आशंका से इसका स्टॉक बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। स्वयं केन्द्र सरकार इसकी भारी खरीद करने की घोषणा बना रही है जबकि मिलर्स एवं व्यापारी भी अच्छी मात्रा में इसकी खरीद का प्रयास कर सकते हैं।

घरेलू बाजार भाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार ने तुवर एवं उड़द पर स्टॉक सीमा लगा रखा है और वह जल्दबाजी में इसे हटाने का निर्णय नहीं लेना चाहेगी। वैसे जनवरी 2023 में लगाई गई भंडार सीमा की अवधि दिसम्बर 2023 के अंत तक बढ़ाई गई है।

केन्द्र सरकार चावल एवं गेहूं के साथ-साथ दाल -दलहनों के दाम में भी तेजी पर अंकुश लगाने के लिए अनेक कदम उटाह रही है। खाद्य महंगाई बढ़ाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान देखा जा रहा है। मोजाम्बिक से तुवर का आयात अधिक होने से कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है।

वह भारत को इसकी सर्वाधिक आपूर्ति करने वाला देश है। सरकार उड़द के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना पहले ही व्यक्त कर चुकी है जबकि उद्योग-व्यापार विश्लेषकों ने तुवर के घरेलू उत्पादन में भी भारी कमी आने का अनुमान लगाया है।