मोटर व्हीकल एक्ट में निर्धारित जुर्माने को कम करने का राज्यों को अधिकार नहीं

746

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि नए मोटर व्हीकल एक्ट में निर्धारित जुर्माने की राशि को कम करने का राज्य सरकारों के पास कोई अधिकार नहीं है। सोमवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से राज्यों को भेजी गई एडवाइजरी में कहा गया है कि मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट 2019 एक संसदीय कानून है और राज्यों को इसमें निर्धारित कार्यवाही या जुर्माने की राशि को कम करने का अधिकार नहीं है। एडवाइजरी में कहा गया है कि इसमें बदलाव के लिए किसी भी राज्य को पहले राष्ट्रपति की सहमति लेनी होगी।

राज्यों को भेजी एडवाइजरी
कई राज्यों की ओर से मोटर व्हीकल एक्ट में निर्धारित कार्यवाही और जुर्माने की राशि कम करने के बाद परिवहन मंत्रालय ने कानून मंत्रालय से इस पर सलाह मांगी थी। सड़क परिवहन मंत्रालय के आग्रह पर कानून मंत्रालय ने अटॉर्नी जनरल से मशविरा मांगा था। अटॉर्नी जनरल ने अपनी सलाह में कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 (जैसा कि मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट 2019) एक संसदीय कानून है और राज्य सरकारें इस कानून में शामिल किसी भी प्रकार की सजा या जुर्माने की राशि में राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना बदलाव नहीं कर सकती है। यह बात सड़क परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को भेजी एडवाइजरी में कही है। आपको बता दें कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर कड़े प्रावधानों वाला संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 1 सितंबर 2019 से पूरे देश में लागू हुआ था।

राज्यों को आवश्यक रूप के लागू करना होगा नया कानून
राज्यों के प्रधान सचिवों को भेजी गई एडवाइजरी में परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि यदि कोई राज्य सरकार इस नए कानून को लागू नहीं करती है तो केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 256 के तहत इसको अनिवार्य रूप से लागू करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगी। अनुच्छेद 256 प्रावधान करता है कि राज्य संसद की ओर से निर्मित कानूनों को अपने यहां लागू करें। एडवाइजरी में अटॉर्नी जनरल की सलाह का भी उल्लेख किया गया है।

सरकारों ने घटाई जुर्माने की राशि
हाल ही में सरकार ने कहा था कि गुजरात, कर्नाटक, मणिपुर और उत्तराखंड राज्यों की सरकारों ने मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट में निर्धारित जुर्माने की राशि को कम कर दिया है। मोटर व्हीकल संशोधित एक्ट 2019 में शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपए के जुर्माने और 6 महीने से 2 साल तक के कारावास का प्रावधान है। बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर जुर्माने की राशि को 500 रुपए से बढ़ाकर 5000 किया गया है। बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर 1 हजार रुपए का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबन का प्रावधान किया गया है।