महंगाई और ओमिक्रॉन भारत की इकोनॉमी के लिए चुनौती: RBI

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बुधवार को जारी दूसरी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में महंगाई के दबाव के साथ कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को इकोनॉमी के लिए चुनौती बताया गया है। रिपोर्ट में NPA के सितंबर, 2022 में उछलकर 8.1%-9.5% तक जाने का अनुमान भी गया गया है।

रिपोर्ट की प्रस्तावना में रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने लिखा, ‘अप्रैल-मई 2021 में कोरोना की विनाशकारी दूसरी लहर के बाद ग्रोथ आउटलुक धीरे-धीरे सुधर रहा है, लेकिन ग्लोबल डेवलपमेंट और हाल में सामने आये वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से इकोनॉमी के सामने चुनौती पैदा हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और प्राइवेट कंजंप्शन में तेजी पर मजबूत और सस्टेनेबल रिकवरी निर्भर है, लेकिन दुर्भाग्य से ये दोनों अब भी महामारी-पूर्व स्तर से नीचे हैं।’

महंगाई पर काबू के लिए ठोस उपाय
शक्तिकांत दास ने माना कि लागत बढ़ने की वजह से पैदा हुई महंगाई को लेकर चिंता बनी हुई है। उन्होंने फूड और एनर्जी प्राइस को काबू में लाने के लिए सप्लाई-साइड पर ठोस उपाय करने के लिए कहा।

बैंक की मजबूत बैलेंस शीट करेगी मदद
RBI गवर्नर ने कहा कि पॉलिसी और रेगुलेटरी सपोर्ट के साथ महामारी के दौरान फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन मजबूत बने रहे हैं और फाइनेंशियल मार्केट में स्थिरता रही है। गवर्नर ने भरोसा जताया है कि पूंजी और नकदी की बेहतर स्थिति के साथ बैंकों की मजबूत बैलेंस शीट भविष्य के झटकों से निपटने में मदद करेगा।

9.5% तक जा सकता है NPA
RBI गवर्नर ने आगाह किया कि NPA सितंबर, 2022 में उछलकर 8.1%-9.5% तक जा सकता है जो सितंबर 2021 में 6.9% था।