ब्याज और लेट फीस लौटाएगा आयकर विभाग, तकनीकी खामी के चलते वसूले थे

889

नई दिल्ली । आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 यानी आकलन वर्ष 2021-22 के लिए व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तय की है। 30 सितंबर के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करने पर करदाताओं पर जुर्माना लगेगा। लेकिन कुछ करदाताओं से अगस्त में भी लेट फी वसूली गई है। कई करदाताओं ने इसकी शिकायत की है कि आयकर पोर्टल पिछले कुछ दिनों से रिटर्न दाखिल करने पर सेक्शन 234F के तहत लेट फीस चार्ज कर रहा है। आयकर विभाग ने इससे संबंधित गड़बड़ी को ठीक कर लिया है। अब ऐसे करदाताओं को लेट फी की राशि वापस मिलेगी। 

आयकर विभाग ने कहा है कि वह सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से हुआ था। इसलिए अब आकलन वर्ष 2021-22 का रिटर्न भरते समय करदाताओं से लिए गए ब्याज और विलंब शुल्क को लौटाया जाएगा। पिछले कुछ दिनों से करदाताओं ने सोशल मीडिया के जरिए आयकर विभाग से अनुरोध किया था कि सर्वर से लेट-फाइलिंग फीस को हटा लिया जाए। विभाग ने करदाताओं को सलाह दी कि वे आईटीआर सॉफ्टवेयर के नए संस्करण का उपयोग करें या ऑनलाइन फाइल करें। अगर किसी ने गलत ब्याज या विलंब शुल्क के साथ आईटीआर जमा किया है, तो सीपीसी-आईटीआर पर प्रसंस्करण करते समय इसकी गणना की जाएगी और भुगतान की गई अतिरिक्त राशि वापस कर दी जाएगी।

आयकर कानून के सेक्शन 234F के मुताबिक, अगर कोई करदाता निर्धारित समय के बाद रिटर्न दाखिल करता है तो विलंबित रिटर्न के लिए अधिकतम 10,000 रुपये शुल्क के तौर पर वसूले जाते हैं। वहीं अगर किसी व्यक्ति की कुल आय पांच लाख रुपये से ज्यादा नहीं है, तो लेट-फाइलिंग फीस की राशि 1,000 रुपये है।

सात जून को हो हुई थी नए आयकर पोर्टल की शुरुआत 
गत सात जून को काफी जोरशोर से नए आयकर पोर्टल www.incometax.gov.in की शुरुआत की गई थी। शुरुआत से ही पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। नई वेबसाइट इंफोसिस ने तैयार की है। आयकर विभाग के नए पोर्टल में जारी तकनीकी कमियों के बीच इंफोसिस ने कहा कि वह इन खामियों को दूर करने के लिए तेजी से काम कर रही है और वर्तमान में यह उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।