प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने लगाई स्टॉक लिमिट

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नई दिल्ली। देश के कई शहरों में प्याज की खुदरा कीमत 90 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई हैं। लगातार बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र ने स्टॉक लिमिट लागू कर दी है। यह स्टॉक लिमिट होलसेल और रिटेल दोनों प्रकार के कारोबारियों पर 31 दिसंबर तक लागू रहेगी।

25 टन प्याज का भंडारण कर सकते हैं होलसेल कारोबारी: उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन नियमों के तहत रिटेल कारोबारी 2 टन तक प्याज का स्टॉक रख सकता है। वहीं, होलसेल कारोबारी को 25 टन प्याज का स्टॉक रखने की इजाजत होगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट करके यह जानकारी दी है।

22 अक्टूबर को देश के प्रमुख शहरों में प्याज का भाव

शहरकीमत (रु./किलो)
मुंबई86
चेन्नई83
कोलकाता70
दिल्ली55

सोर्स: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का डाटा।

सेंट्रल बफर स्टॉक से प्याज ले सकते हैं राज्य: प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र ने सेंट्रल बफर स्टॉक को खोल दिया है। केंद्र ने कहा है कि राज्य सेंट्रल बफर स्टॉक से प्याज लेकर रिटेल में बिक्री कर सकते हैं। लीना नंदन ने कहा कि प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र के नासिक स्थित सेंट्रल बफर स्टॉक से राज्य 26 से 28 रुपए प्रति किलो पर प्याज ले सकते हैं।

कई राज्यों ने जताई प्याज खरीदने की इच्छा: नंदन ने बताया कि असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु ने सेंट्रल बफर स्टॉक से प्याज खरीदने की इच्छा जताई है। यह राज्य सेंट्रल बफर स्टॉक से 8 हजार टन प्याज खरीदने जा रहे हैं। मंत्रालय को अन्य राज्यों के जवाब का इंतजार है।

नैफेड ने सस्ती प्याज की बिक्री शुरू की: कोऑपरेटिव सोसायटी नैफेड के सचिव का कहना है कि प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए होलसेल मार्केट में बफर स्टॉक से आपूर्ति बिक्री शुरू कर दी गई है। इसके अलावा राजधानी दिल्ली में केंद्रीय भंडार और मदर डेयरी के सफल आउटलेट के जरिए रिटेल में सस्ती प्याज की बिक्री शुरू हो गई है। सरकार अब तक बफर स्टॉक से 30 हजार टन प्याज बाजार में उतार चुकी है। 2019-20 की रबी फसल के दौरान सरकार ने 1 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक तैयार किया था