टैंकर नहीं जल्द पाइपलाइन से आएगा इंद्र विहार-राजीव गांधी नगर में पानी

0
154

लोक सभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों से 25 करोड़ स्वीकृत, साल के अंत तक पूरा होगा काम

कोटा। इंद्र विहार और राजीव गांधी नगर में साल के अंत तक पानी की किल्लत दूर हो जाएगी। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से दोनों ही जगहों पर कुल 4850 किलो लीटर क्षमता की टंकियों का निर्माण होगा। इन्हें श्रीनाथुपरम में निर्माणाधीन फिल्टर प्लांट से 15 एमएलडी पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। साथ ही क्षेत्र में पेयजल वितरण के लिए नई पाइपलाइन भी बिछाई जाएगी। इससे पानी दबाव के साथ घरों तक पहुंचेगा।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देश पर गत वर्ष 19 जुलाई को दिल्ली में स्मार्ट सिटी मिशन की बैठक विशेष तौर कोटा दक्षिण क्षेत्र में पेयजल वितरण की समस्या पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी। इस बैठक में इंद्र विहार और राजीव गांधी नगर में जनसंख्या के दबाव को देखते हुए पानी की कमी पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई थी। साथ ही निर्णय लिया गया था कि यहां ओवरहेड टैंक के निर्माण तथा पेयजल अपूर्ति के लिए लाइन बिछाने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन से पैसा जारी किया जाएगा।

इसके बाद अब जलदाय विभाग को नोडल एजेंसी बनाते हुए 25 करोड़ रूपए का बलट आवंटित कर दिया गया है। आदेश जारी होने के बाद जलदाय विभाग ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जलदाय विभाग का प्रयास है कि टेंडर प्रक्रिया जल्द करते हुए अगले नौ माह में सभी काम पूरे कर लिए जाएं ताकि आमजन के राहत मिल सके।

घर-घर पानी पहुंचाने के लिए यह काम होंगे: इंद्र विहार तथा राजीव गांधी नगर सघन आबादी वाला क्षेत्र है। यहां बड़ी संख्या में कोचिंग विद्यार्थी रहने के कारण पानी की मांग भी अधिक है। इसको देखते हुए राजीव गांधी नगर में 2000 किलो लीटर तथा इंद्र विहार में 2850 किलो लीटर के ओवर हेड वाटर टैंक बनाए जाएंगे। इन टंकियों को भरने के लिए 1760 मीटर की राइजिंग मेन पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसके साथ इन टंकियों से घरों तक पानी पहुंचाने के लिए 36 हजार मीटर लम्बी पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी।

लोगों को मिलेगा शुद्ध पेयजल: यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद आमजन को पर्याप्त मात्रा में उचित दबाव से शुद्ध पेयजल मिल सकेगा। दोनों टंकियों को भरने के लिए श्रीनाथपुरम में निर्माणाधीन 50 एमएलडी के फिल्टर प्लांट से 15 एमएलडी पानी मिलेगा। इससे यहां पानी की कोई कमी नहीं रह जाएगी। इसके अलावा वहां बिछी पेयजल आपूर्ति की लाइनें अब जीर्ण-शीर्ण हो चुकी हैं। उनकी जगह नई डीआई के-7 लाइनें बिछाई जाएंगी, जिससे आने वाले कई दशकों तक कोई परेशान नहीं आएगी।