चिंता मत कीजिये फ़िलहाल नहीं बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम! जानिए क्यों

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नई दिल्ली। क्रूड ऑयल 70 डॉलर प्रति बैरल पर जाने के बाद भी चिंता मत कीजिये पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ेंगे। मोदी सरकार को अंदाजा है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आम आदमी के मन में असंतोष पनप रहा है। चुनाव में यह नाराजगी बीजेपी के लिए भारी पड़ सकती है।

यही वजह है कि पांच राज्यों के चुनाव जैसे निकट आए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना होने वाली बढ़ोतरी रुक गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के जुड़े दो अफसरों ने बताया कि लगता है कि केंद्र ने अनौपचारिक तौर पर तेल कंपनियों को कहा है कि कुछ समय के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों बढ़ोतरी को टाल दिया जाए।

रिपोर्ट के मुताबिक राजनीतिक दबाव के चलते ही तेल कंपनियों ने रोजाना की जाने वाली बढ़ोतरी पर फिलहाल अंकुश लगा दिया है। इसकी वजह से कुछ समय के लिए लेकिन राहत तो आम आदमी को मिली ही है। जिस तरह से रोजाना तेल के दाम बढ़ रहे थे, उसमें लोगों के मन में सरकार के प्रति नाराजगी तेजी से बढ़ रही थी। हालांकि, कुछ राज्यों ने अपने टैक्स में कमी करके लोगों के असंतोष को कम करने की कोशिश की, लेकिन जो टैक्स कम हुआ उसे ऊंट के मुंह में जीरे की तरह से कहा जा सकता है।

मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल का दाम 91.17 रुपये जबकि डीजल का दाम 81.47 रुपये प्रति लीटर रहा। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 97.57 रुपये व डीजल की कीमत 88.60 रुपये प्रति लीटर है।तेल कंपनियां रोजाना सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव करती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं।

गौरतलब है कि तेल की कीमतों को लेकर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था। सोनिया ने सरकार को राजधर्म की याद दिलाकर तेल के दामों में तत्काल कमी करने को कहा था। उधर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसके लिए तेल उत्पादक देशों को जिम्मेदार ठहराया था। प्रधान ने कहा कि कच्चा तेल महंगा होने के साथ ही हम कीमतों को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनका कहना था कि तेल कीमतों में बढ़ोतरी के लिए कोरोना संकट भी जिम्मेदार है।