कोटा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने छोड़ी पानी की बौछार

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पीएम मोदी को देश- विदेश के दौरे करने की फुर्सत पर, मणिपुर जाने के मूड में नहीं दिखाई देते, हाडोती विकास मोर्चा ने लगाया आरोप

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।
राजस्थान के कोटा में मणिपुर के घटनाक्रम के प्रति केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध करने जिला मुख्यालय कलक्ट्री पर पहुंचे कांग्रेस समर्थक हाडोती विकास मोर्चा के कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए पुलिस को वाटर कैनन से पानी की बौछार करनी पड़ी मिली।

मिली जानकारी के अनुसार पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरूवार को हाडोती विकास मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता संभागीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सांखला और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अमित धारीवाल के नेतृत्व में नयापुरा से पैदल मार्च कर नारेबाजी करते हुए कलक्ट्री की ओर बढ़े जिन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पहले ही व्यापक पैमाने पर सुरक्षा इंतजाम किए हुए थे और कलक्ट्री चौराहे के पास बैरिकेड लगाए गए थे।

कलक्ट्री चौराहा पहुंचने के बाद उत्तेजित कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड के ऊपर से कूदकर कलक्ट्री के भीतर घुसने की कोशिश की जिसमें से कुछ कार्यकर्ता सफ़ल भी हो गये। इन उत्तेजित कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठियां फटकारते हुए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और पानी की बौछारें की। हालांकि पुलिस के अधिक प्रयोग बल प्रयोग करने की नौबत नहीं आई।

इस मौके पर कलक्ट्री के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए हाडोती विकास मोर्चा के संभागीय संयोजक राजेंद्र सिंह सांखला और प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव अमित धारीवाल ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य मणिपुर जातीय हिंसा में जल रहा है।

वहां महिलाओं के खिलाफ घृणित अपराध किए जा रहे हैं और उनको शर्मनाक तरीके से नग्न कर घुमाने के अलावा सामूहिक दुष्कर्म तक किया जा रहा है जिसको लेकर न केवल देश की उच्चतम न्यायालय ने गंभीर चिंता जताई है बल्कि दुनिया के कई देशों में मणिपुर के हालात पर अफसोस प्रकट किया गया है। महिला महिलाओं के खिलाफ हुई घटना से पूरा देश शर्मसार है लेकिन लेकिन इसके विपरीत केंद्र की सरकार ने इस राज्य के बद से बदतर होते जा रहे हैं हालात को नजरअंदाज किया हुआ।

श्री सांखला और श्री धारीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह पूरे देश में घूम-घूम कर बयान बाजी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री तो उन राज्यों खासतौर से राजस्थान का लगातार दौरे कर राजनीतिक भाषण बाजी कर रहे हैं जहां आने वाले दिनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन केंद्र सरकार के इन दोनों नेताओं को जातीय हिंसा की बुरी तरह चपेट में आ गए मणिपुर राज्य का दौरा करने की फुर्सत नहीं है।

प्रधानमंत्री तो मणिपुर के घटनाक्रम के दौरान विदेश की यात्राएं भी कर आए लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने मणिपुर जाने की मंशा तक नहीं जतलाई है। इससे स्पष्ट है कि केंद्र की भाजपा की सरकार में मणिपुर राज्य में शांति बहाली के इच्छाशक्ति का अभाव है जिसके खिलाफ पूरा देश उद्वेलित है, जिसको देखते हुए केन्द्र सरकार की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार को इसके गंभीर परिणाम को भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।