कृषि उपज मंडी में ज्यादा तुलाई पर किसानों ने किया हाईवे जाम

0
495

बूंदी। कृषि उपज मंडी देई में शनिवार को व्यापारी द्वारा ज्यादा तुलाई करने को लेकर किसान आक्रोशित हाे गए। किसानों के अनुसार व्यापारी माल 2 किलो 300 ग्राम ज्यादा तोल रहा था। उन्हाेंने प्रदर्शन कर मंडी के सामने देई-नैनवां स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया। बाद में बूंदी मंडी सचिव नरेंद्र कुमार स्वर्णकार ने कृषि जिंसों का अधिक तौल करते हुए पाए कृत्य पर राजस्थान कृषि उपज मंडी नियमन का उल्लंघन मानते हुए मैसर्स जिंदल ट्रेडर्स देई का व्यापारी वर्ग का लाइसेंस 7 दिन के लिए निलंबित किया।

मंडी में बोली के बाद तुलाई होने पर एक महिला किसान के कट्टे 50 किलो 700 ग्राम की जगह 52 किलो 700 ग्राम उड़द व्यापारी द्वारा तोल ली गई। व्यापारी द्वारा तुलाई में ज्यादा माल लेने पर पता चल गया। व्यापारी द्वारा तोले गए कट्टों को दूसरे व्यापारी के कांटे पर रखकर तोले, जिससे वजन में अंतर का पता चला। मंडी में व्यापारी द्वारा दो किलो प्रति कट्टा ज्यादा माल लेने से किसान आक्रोशित हो गए। किसानों ने व्यापारी की मंडी प्रशासन से शिकायत की। मंडी कार्यालय के सामने जमा होकर कार्रवाई की मांग शुरू कर दी।

जब बात नहीं बनी तो किसान मंडी गेट के बाहर जमा हो गए। 12.15 बजे नैनवां-बूंदी स्टेट हाईवे मार्ग पर जाम लगाकर बैठ गए। इस दौरान एक हम्माल द्वारा कांटे को लेकर जाने लगा तो किसानों ने हम्माल को पकड़ लिया। हम्माल द्वारा खराब कांटे को लेकर जाने की बात कहने पर किसान व हम्माल आमने-सामने हो गए। पुलिस समझाइश करने लगी। पुलिस ने कांटे को पुलिस जीप में डाल लिया, लेकिन किसानों के विरोध के बाद वापस किसान कांटे को लेकर सड़क पर बैठ गए। इस पर पुलिस जाब्ते लेकर आये देई थानाधिकारी राजेश मीणा ने किसानों से समझाइश कर सड़क खुलवाई।

कांटा चेक करने की मांग को लेकर थानाधिकारी व किसान कार्यालय में जमा हो गए। जहां वार्ता के बाद थानाधिकारी की मौजूदगी में कांटा चेक किया गया। जिसमें कांटे में माल ज्यादा तुला हुआ मिला। इस पर दुबारा किसान भड़ककर सड़क पर आ बैठे। दोपहर 1.30 से 2.05 बजे तक जाम रहा। समझाइश के बाद फिर किसान माने पर समय ज्यादा होने से जो माल शेष बचा था, उसकी बोली नहीं लगाने पर किसान फिर बिफर गए।

3 से 4 बजे तक जाम पर बैठे रहे। नैनवां डीएसपी जगदीश यादव ने आकर थानाधिकारी के साथ किसानों काे समझाया। इसके बाद मंडी सचिव द्वारा व्यापारी का सात दिन तक लाइसेंस निलंबित करने, जिस माल की बोली लगी, उसकी तुलाई करने व शेष माल की रविवार को नीलामी करने की मांग पर किसान सहमत हुए, मामला शांत हुआ।