आयकर छापे में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से मिली 177 करोड़ की नकदी

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कानपुर। कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां पड़े इनकम टैक्स के छापे (Income Tax Raid on Piyush Jain) में अब तक करीब 177 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को पीयूष जैन के मुंबई, कन्नौज, गुजरात और कानपुर के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान पीयूष जैन की फैक्ट्री, कार्यालय, कोल्ड स्टोर और पेट्रोल पंप पर छापेमारी की गई। जैन के कानपुर स्थित घर में नोटों के बंडलों से भरी अलमारी मिलने और घर में तहखाना होने की खबर भी सामने आई है। आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि इतना कैश जाएगा कहां। हम आपको बताते हैं..

वैलिड सोर्स बताने का मौका मिलेगा
पीयूष जैन के यहां छापे में मिली रकम सीज करके सेफ कस्टडी में रखी जाएगी और उन्हें व उनके परिवार को इस रकम का सोर्स, प्रमाण के साथ बताने का मौका दिया जाएगा। अगर जैन यह साबित कर देते हैं कि छापे में मिली रकम ब्लैक मनी नहीं बल्कि व्हाइट मनी है तो सीज की हुई संपत्ति उन्हें लौटा दी जाएगी। व्हाइट मनी से अर्थ है कि पैसे का वैलिड सोर्स है, उसका लेखाजोखा मौजूद है और उस पर टैक्स भरा गया है। वह अघोषित एसेट नहीं है। अगर सीज किया गया कैश और एसेट ब्लैक मनी निकले तो फिर जैन के खिलाफ केस फाइल होगा और टैक्स व मोटी पेनल्टी लगेंगे। कुछ गंभीर मामलों में जेल का भी प्रावधान है।

​​रिजर्व बैंक के पास जाएगा पैसा
पीयूष जैन के यहां से बरामद हुई करोड़ों की रकम अगर ब्लैक मनी निकलती है तो उनके खिलाफ केस दर्ज होने के बाद पैसा आरबीआई के पास जाएगा और फिर सर्कुलेशन में आ जाएगा। आरबीआई के ही पास जाने की वजह है कि आयकर विभाग एक केन्द्रीय एजेंसी है। इसलिए इनकम टैक्स रेड में बरामद की गई ब्लैक मनी को आरबीआई में जमा किया जाता है। अगर यह छापा राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली किसी जांच एजेंसी ने मारा होता तो बरामद की गई रकम राज्य सरकार के खजाने में जाती।