अब बिना KYC नहीं देख पाएंगे टीवी, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने इस साल की शुरुआत में नए डीटीएच टैरिफ नियमों को लागू कर दिया था। इसके बाद से डीटीएच और केबल टीवी इंडस्ट्री में कई बदलाव देखने को मिले। नए नियमों के लागू होने के बाद सब्सक्राइबर्स की शिकायत है कि टीवी देखना उनके लिए अब पहले से महंगा हो गया है।

ट्राई ने सब्सक्राइबर्स की इस परेशानी को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू भी कर दिए हैं। इसके साथ ही ट्राई एक और नया नियम लेकर आया है जिसमें हर डीटीएच सब्सक्राइबर्स के लिए KYC अनिवार्य कर दिया गया है।

ट्राई ने देश के सभी डीटीएच ऑपरेटर्स को कहा है कि उन्हें अब अपने सब्सक्राइबर्स का KYC कराना जरूरी होगा। ट्राई का नया नियम मौजूदा और नए डीटीएच सब्सक्राइबर्स दोनों के लिए लागू है।

KYC प्रकिया बिल्कुल उसी तरह होगी जैसे नया सिम लेने पर की जाती है। अब नया कनेक्शन लेने वाले सब्सक्राइबर्स को पहले KYC कराना होगा। इस प्रकिया के पूरा होने के बाद ही नए डीटीएच कनेक्शन के साथ मिलने सेट-टॉप-बॉक्स को इंस्टॉल किया जाएगा। मौजूदा कस्टमर्स को KYC कराने के लिए 2 साल का समय दिया गया है।

इस नए नियम से जुड़ी कुछ जरूरी बातें:

  • डीटीएच सब्सक्राइबर्स के लिए KYC अनिवार्य करने के लिए पिछले कुछ समय से बातचीत चल रही थी। इसे इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स द्वारा सहमति मिलने के बाद लागू किया गया है।
  • अब डीटीएच रिप्रेजेंटेटिव को नया कनेक्शन इंस्टॉल करने से पहले सब्सक्राइबर का KYC करना होगा। इस प्रकिया के पूरा होने के बाद ही नया सेट-टॉप-बॉक्स काम करना शुरू करेगा। अब डीटीएच सेट-टॉप-बॉक्स उसी अड्रेस पर लगाया और इंस्टॉल किया जाएगा जो अड्रेस कनेक्शन ऐप्लिकेशन फॉर्म में दर्ज होगा।
  • सब्सक्राइबर की पहचान करने के लिए डीटीएच ऑपरेटर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेज उसे वेरिफाइ करेंगे। ओटीपी वेरिफाइ होने के बाद ही सेट-टॉप -बॉक्स के इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया शुरू होगी।
  • अगर किसी सब्सक्राइबर के पास मोबाइल फोन नहीं है, तो उसे पहचान प्रमाण पत्र जमा करना होगा। जिन मौजूदा सब्सक्राइबर्स का मोबाइल नंबर डीटीएच कनेक्शन से लिंक नहीं है उन्हें 2 साल की अंदर लिंक कराना होगा।
  • ट्राई ऑपरेटर्स सब्सक्राइबर्स के वेरिफिकेशन डॉक्युमेंट्स को कलेक्ट करने की छूट देता है, लेकिन सेट-टॉप-बॉक्स से उन्हें सब्सक्राइबर्स के लोकेशन डेटा को लेने मनाही है।