REET: एक लाख अभ्यर्थियों पर शिक्षक भर्ती से बाहर होने का खतरा, जानिए क्यों

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जयपुर। जल्दबाजी में निकाले गए रीट-2021 के रिजल्ट के कारण प्रदेश के बीएड कॉलेजों के एक लाख अभ्यर्थियों पर शिक्षक भर्ती से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। वजह- रीट के रिजल्ट से पहले कई काॅलेजों ने अब तक बीएड द्वितीय वर्ष की परीक्षा तक नहीं कराई है। कई का रिजल्ट बाकी है। ऐसे में इनकी पात्रता राजस्‍थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अलग-अलग नियमों में फंस गई है।

बोर्ड का कहना है कि शिक्षक भर्ती के लिए अध्ययनरत अभ्यर्थी तभी पात्र होंगे, जब रीट के रिजल्ट से पहले बीएड का रिजल्ट घोषित हो जाए। हालांकि बोर्ड का काम केवल पात्रता के नियम तय करना है, भर्ती के नहीं। इधर, निदेशालय का मानना है कि रीट के परिणाम से पहले बीएड द्वितीय वर्ष का परिणाम जारी होना जरूरी नहीं है।

शिक्षक भर्ती के आवेदन की अंतिम तिथि तक शिक्षक पात्रता होनी चाहिए। निदेशालय ने 2018 में इसी तरह की समस्या खड़ी होने पर यह आदेश जारी किया था। अब अधिकारी इस आदेश को भूल गए हैं। बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थियों का कहना है कि नियमों में शिथिलता देते हुए अगर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय अपने ही पुराने आदेश को फिर से लागू कर दे तो समस्या का समाधान होते देर नहीं लगेगी।

2018 के आदेश नहीं होंगे लागू
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 14 सितंबर 2018 को आदेश जारी कर कहा- पंचायतीराज नियम-1996 के नियम 266 में तृतीय श्रेणी शिक्षक की सीधी भर्ती के लिए शैक्षिक व प्रशैक्षिक योग्यताएं विहित है। तृतीय श्रेणी शिक्षक की सीधी भर्ती के लिए निर्धारित शैक्षिक व प्रशैक्षिक योग्यता के साथ रीट-आरटेट उत्तीर्ण होना जरूरी है। इन नियमों में रीट-आरटेट से पहले बीएड, बीएसटीसी उत्तीर्ण होने की बाध्यता नहीं है।

रीट की इस शर्त से फंसा पेंच
विज्ञप्ति के बिंदु 3.3(सी) में अंकित है कि शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत अभ्यर्थी भर्ती के लिए तभी पात्र होंगे जब उन्होंने रीट-2021 का परिणाम जारी होने तक उत्तीर्ण कर लिया हो। ऐसा ही 2017 की विज्ञप्ति में भी था। तब भी बीएड अभ्यर्थी बाहर हुए। इसके बाद निदेशालय ने 2018 में आदेश निकाला।