Paper Leak Scam: लोकसेवा आयोग मेंबर कटारा ने भांजे के जरिए बेचा था पेपर

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जयपुर। paper leak scam: सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में एसओजी ने मंगलवार को इस मामले में एक और आरोपी बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार कर लिया। कटारा ने ही पेपर लीक कर माफिया को बेचा था। हालांकि पेपर लीक की गुत्थी अभी भी पूरी तरह सुलझी नहीं है। अब भी सबसे बड़ा सवाल है कि कटारा तक पेपर किसने पहुंचाया? कौन है पेपर लीक का सबसे बड़ा दोषी?

RPSC मेंबर बाबूलाल कटारा के पकड़े जाने के बाद सामने आया कि कटारा ने पेपर माफिया से डील करने की जिम्मेदारी अपने भांजे विजय डामोर को दी थी। वह पूरे मामले से खुद को अलग रखना चाहता था। विजय ने पेपर शेर सिंह मीणा को दिया था।

पेपर माफिया शेर सिंह मीणा से पूछताछ में इसका खुलासा होने के बाद एसओजी ने मंगलवार को आरपीएससी के मेंबर बाबूलाल कटारा, उसके भांजे विजय डामोर और ड्राइवर गोपाल सिंह को हिरासत में लिया है।

एसओजी को संदेह है कि इनके पूरे प्लान की जानकारी ड्राइवर गोपाल सिंह को थी और उसने इसमें सहयोग भी किया। एसओजी अब पेपर लीक माफिया शेर सिंह मीणा और बाबूलाल कटारा, उसके भांजे व ड्राइवर चारों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ भी करेगी।

आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा की पेपर माफिया शेर सिंह मीणा से चार साल पहले दोस्ती हुई थी। शेर सिंह मीणा ने बाबूलाल को आरपीएससी से भर्ती परीक्षाओं के पेपर आउट कर मुनाफा कमाने के लिए मना लिया था। कटारा के मन में पेपर लीक से मिलने वाले पैसों का लालच तो था, लेकिन डर भी था। कटारा पेपर माफिया के ज्यादा संपर्क में नहीं रह सकता था।

RPSC के अधिकारियों और दूसरे कर्मचारियों को उस पर शक हो सकता था। ऐसे में कटारा को किसी विश्वासपात्र की जरूरत थी। डूंगरपुर में रहने वाला कटारा का भांजा विजय डामोर बेरोजगार था। उसे काम की जरूरत थी, इसलिए बाबूलाल ने भांजे विजय को अपने साथ मिला लिया। बाबूलाल अपने घर या बाहर के सभी जरूरी काम विजय से ही करवाता था।

बाबूलाल कटारा ने सीनियर टीचर भर्ती का पेपर आउट करने के बाद शेर सिंह मीणा से डील करने की जिम्मेदारी विजय को दे रखी थी। बाबूलाल सीधे तौर पर शामिल नहीं था, लेकिन विजय और शेर सिंह दोनों उसके संपर्क में थे। विजय ने ही पेपर आउट होने के बाद शेर सिंह मीणा को दिया था।

आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा हमेशा की तरह सुबह आरपीएससी दफ्तर जाने की तैयारी कर रहा था। उसका ड्राइवर गोपाल सिंह भी उसके अजमेर में सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास में आ गया था।

कटारा ऑफिस के लिए रवाना होता, उससे पहले ही एसओजी एसपी विकास सांगवान के नेतृत्व में टीम ने उसके घर पर दबिश दे दी। टीम ने आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा और उनके ड्राइवर गोपाल सिंह दोनों हिरासत में ले लिया। इसके बाद टीम ने कटारा के घर की तलाशी भी ली।