GST: फूड, ट्रांसपोर्ट पर इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सकेंगे इम्प्लॉयर

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GST कानून में 46 संशोधनों की तैयारी
नई दिल्ली। इम्प्लॉयर्स जल्द ही किसी भी कानून के अंतर्गत अपने इम्प्लॉइज को दी जाने वाली फूड, ट्रांसपोर्ट और इन्श्योरेंस जैसी फैसिलिटीज पर इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने में सक्षम हो जाएंगे। जीएसटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों पर संसद और राज्य विधानसभाओं की मंजूरी मिलने के बाद ऐसा संभव होगा।

संशोधन के ड्राफ्ट पर 15 जुलाई तक मांगे कमेंट
सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) कानूनों-सेंट्रल जीएसटी, स्टेट जीएसटी, इंटिग्रेटेड जीएसटी और कम्पन्सेशन ऑफ स्टेट्स एक्ट में 46 संशोधनों का प्रस्ताव किया है। ये संशोधन रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म, विभिन्न बिजनेस वर्टिकल्स वाली कंपनियों के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन, रजिस्टेशन के कैंसिलेशन, नए रिटर्न फाइलिंग नॉर्म्स और मल्टीपल इनवॉयस को कवर करने वाले कंसॉलिडेटेड डेबिट/क्रेडिट नोट्स को जारी किए जाने से संबंधित हैं।

सरकार ने जीएटी कानूनों में संशोधन के लिए जारी ड्राफ्ट प्रपोजल्स पर विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से 15 जुलाई, 2018 तक कमेंट मांगे हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट इन संशोधनों को अंतिम रूप देने के बाद इन्हें मंजूरी के लिए जीएसटी काउंसिल के सामने रखेगा। इसके बाद जीएसटी कानून में संशोधन के लिए इन्हें संसद और राज्य विधानसभाओं में पेश किया जाएगा।

इन फैसिलिटीज पर आईटीसी क्लेम कर सकेंगे इम्प्लॉयर
ड्राफ्ट संशोधनों के तहत इम्प्लॉयर्स को इम्प्लॉइज के लिए फूड, बेवरेजेस की सप्लाई, हैल्थ सर्विसेस, लाइफ इन्श्योरेंस, ट्रैवल बेनिफिट्स, मोटर व्हीकल्स किराये पर लेना या हायरिंग के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम करने की अनुमति मिलेगी।

इन पर नहीं मिलेगा आईटीसी
सरकार ने संशोधनों के माध्यम से स्पष्ट किया है कि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो फूड और बेवरेजेस की सप्लाई, आउटडोर कैटरिंग, ब्यूटी ट्रीटमेंट, हैल्थ सर्विसेस, कॉस्मेटिक और प्लास्टिक सर्जरी, मोटर व्हीकल्स, वीसल्स और एयरक्राफ्ट की रेंटिंग या हायरिंग, लाइफ इन्श्योरेंस और हैल्थ इंश्योरेंस के लिए आईटीसी उपलब्ध नहीं होगा।
इसी प्रकार क्लब, हैल्थ और फिटनेस सेंटर की मेंबरशिप, लीव जैसी वैकेशन पर इम्प्लॉइज को मिलने वाले ट्रैवल बेनिफिट्स या होम ट्रैवल कंसेशन के लिए यह उपलब्ध नहीं होगा।

गुड्स और सर्विसेस की सप्लाई पर भी आईटीसी
ड्राफ्ट अमेंडमेंट्स में कहा गया, ‘ऐसे गुड्स या सर्विसेस या दोनों के मामले में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया गया है, जो इम्प्लॉयर द्वारा अपने इम्प्लाइज को ऐसे गुड्स या सर्विसेस या दोनों उपलब्ध कराना किसी भी कानून के अंतर्गत बाध्यकारी है।’इसमें कहा गया कि 13 पैसेंजर्स से ज्यादा क्षमता वाले मोटर व्हीकल्स पर आईटीसी उपलब्ध कराया जाएगा।

कई विवादों पर लगेगा विराम
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा, ‘किसी भी कानून के तहत इम्प्लॉइज को दी जाने वाली सर्विसेस पर आईटीसी की मंजूरी का प्रस्ताव शानदार है और इससे हाल के एडवांस रूलिंग से पैदा विवादों पर विराम लगेगा। साथ ही यह जीएसटी कानून को अन्य इंप्लाई वेलफेयर से संबंधित कानूनों के अनुरूप बनाएगा।’