कृषि जिंसों में मंदी जितनी आनी थी आ गई, अब शुरू होगा तेजी का दौर

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मुकेश भाटिया
कोटा
। एक माह के डाटा से कोई भविष्य तय नहीं हो जाता। कृषि जिंसों में मंदी जितनी आनी थी आ गई, यहां से तेजी तो बनेगी पक्की। अब इन भाव में क्या खोने का रहा है। बाजार सभी जिंस के सीजन के भाव से लो भाव पर आ चुके हैं। धीरे-धीरे बाजार भी खुलने लगा है। करीबन 1 सप्ताह में मंडियों में आवक भी कम हो जाएगी। धीरे-धीरे सभी जगह लॉकडाउन खुलने लगा है। जैसे ही माल की उपलब्धता में कमी आने लगेगी, बाजारों में मांग बढ़ने लगेगी।

इधर मंडियों में आवक कम होने से करीब 1 माह में सभी बाजार, यथावत भाव पर आ जाए तो कोई आश्चर्य नहीं। जिस तरह विश्लेषक बार-बार समय को देखते हुए अपनी रिपोर्ट में बदलाव करते रहते हैं, उसी तरह बाज़ार में समय को देखते हुए कई बदलाव होते रहते हैं। इसलिए घबराना नहीं हैं।

ताजा रिपोर्ट के अनुसार दलहन का आयात मई में घटा, लेकिन अब बढ़ेगा। जीरे का निर्यात मई में 32 फीसदी घटा। धनिया का निर्यात मई में 39 फीसदी कम रहा, जबकि भारत का हल्‍दी निर्यात मई में 21 फीसदी गिर चुका है।