जेवरात बनाने वाले कारीगरों को रात 11 बजे तक काम करने की छूट दी जाए

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कोटा। श्री सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने मुख्यमंत्री को ट्वीट एवं ईमेल कर नाइट कर्फ्यू के दौरान सोने-चांदी के जेवरात बनाने वाले कारीगरों को रात 11 बजे तक काम करने की छूट देने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई माह में त्यौहारी सीजन के साथ ही आखातीज में बड़ी संख्या में वैवाहिक समारोह संपन्न होंगे। इस दौरान सर्राफा कारोबार कुछ अच्छा चलने की उम्मीद की जा रही है। विचित्र ने बताया कि इस व्यवसाय से जुड़े सोने चांदी के जेवरात बनाने वाले कारीगर भीषण गर्मी में दिन में काम नहीं कर सकते हैं। अतः उन्हें शाम से रात तक काम करना पड़ता है। इनके कारखाने एक सीमित क्षेत्र में है, जहां पर आमजन का आगमन भी नहीं होता है।

सरकारी गाइडलाइंस के तहत रात 8 बजे कर्फ्यू लगा दिया जाता है। ऐसे में कारीगर जेवर नहीं बना पा रहे हैं और उनके परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। साथ ही सर्राफा व्यापारियों को अपने ग्राहकों को समय पर माल की आपूर्ति नहीं करने से व्यवसाय चौपट हो जाएगा।

स्वर्ण रजत कला उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश सोनी और थोक सर्राफा विक्रेता व्यवसाई संघ के अध्यक्ष अरुण जैन ने बताया कि स्वर्णाभूषणों के निर्माण करने वाले कारखानें कुटीर उद्योग की श्रेणी में आते हैं। जब नाइट कर्फ्यू के दौरान सभी उद्योग के कर्मचारियों, होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन में कार्यरत लोगों को देर रात तक काम करने की छूट दी गई है, तो इन्हें भी उसी प्रकार रात 11 बजे तक काम करने की छूट प्रदान करने की जाए।

कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि पिछले साल लंबे समय तक लॉकडाउन होने के कारण सभी कारीगरों को जीवन यापन करना भी मुश्किल हो गया था। इसलिए मुख्यमंत्री से आग्रह है कि इस सीजन में कारीगरों को काम करने की थोड़ी सी छूट देकर इन्हें भी आर्थिक संबल प्रदान करें।