कोटा। कोविड 19 (Covid-19) नियंत्रण के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने विश्व स्तर पर सर्वाधिक स्वीकृत वेक्सीन का निर्माण कर कोविड नियंत्रण (covid control) में कीर्तिमान बनाया है। देखने में आ रहा है कि आम जन इस सुलभ वेक्सीन से कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा बैठे हैं।
वेक्सीन आने के बाद जनमानस में डर खत्म हो गया। अधिकांश लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया, सोशल डिस्टेंस का पालन छोड़ दिया। नतीजा यह हुआ जो आप सबके सामने है।
आल राजस्थान क्वालिफाइड होम्योपैथिक डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रांतीय सचिव डॉ लोकमणि गुप्ता ने एक वार्ता में बताया कि होम्योपैथिक दवाओं एवं रोग प्रतिरोधक वेक्सीन दोनों के ही निर्माण एवं उपयोग के सिद्धांत बहुत हद तक समानांतर हैं।
ऐसे में कोविड वेक्सीन की पहली खुराक लगने के बाद निश्चित समय पर दूसरी खुराक अवश्य लगवाएं। हाल ही में इसकी बूस्टर डोज भी आ गई है। वर्तमान निर्धारित समय सीमा इस प्रकार है –
प्रथम खुराक – प्रथम दिन।
द्वितीय खुराक – 6 से 8 सप्ताह के बाद।
बूस्टर डोज – 6 महीने पश्चात। ये बूस्टर डोज अभी सघन ट्रायल के दोर में है।
वेक्सीन के पहले और बाद में क्या है जरूरी
- कोरोना वेक्सीन लगाने के पूर्व अच्छा नाश्ता कर लेना चाहिए।
- अपनी बीमारी/चिकित्सा का विवरण अवश्य साथ रखें।
- बेहतर होगा तीनों ही खुराक एक ही ब्राण्ड की लगवाएं।
- महत्वपूर्ण बात टीकाकरण पश्चात भी कोविड प्रोटोकॉल अपनाते रहें।
- वेक्सीन लगने के बाद बुखार आना सामान्य प्रक्रिया है जो अन्य टीकाकरण में भी होता है
कोविड वेक्सीन की प्रथम खुराक लगते ही ये न माने की अब कोरोना नहीं होगा। डॉ. लोकमणि गुप्ता ने बताया कि हर बीमारी का निश्चित इन्क्यूबेशन पीरियड होता है। यानी कि शरीर में इन्फेक्शन प्रवेश होने से लक्षण प्रकट होने तक की मध्यावधि। इस समय आप को कोविड टीकाकरण हुआ तो भी आपकी रिपोर्ट पोजिटिव आ सकती है। अतः टीकाकरण के पश्चात होने वाले प्रत्येक परिवर्तन के लिए कुशल चिकित्सक से परामर्श करें।