जयपुर। राजस्थान सरकार ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्राइमरी स्टूडेंट्स को राहत दी है। अब कक्षा 1 से 5वीं क्लास तक के करीब 40 लाख बच्चों को एग्जाम नहीं देने होंगे। इन स्टूडेंट्स को बिना एग्जाम के ही अगली क्लास में प्रमोट किया जाएगा। जबकि, 6वीं और 7वीं की परीक्षाएं 15 अप्रैल से करवाने का फैसला किया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।
आदेशों के मुताबिक, कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए कक्षा 1-5वीं तक के बच्चों को स्माईल-1, स्माईल-2 एवं ‘आओ घर से सीखें’ कार्यक्रम के तहत किए गए आंकलन के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट किया जाएगा। इसके अलावा कक्षा 6वीं और 7वीं की परीक्षा 15 से 22 अप्रैल तक स्कूल स्तर पर आयोजित की जाएगी।
इसके अलावा 9वीं व 11वीं क्लास की परीक्षा 6 से 22 अप्रैल तक जिला स्तर पर आयोजित की जाएगी। इन सभी परीक्षाओं का परिणाम 30 अप्रैल को जारी किया जाएगा। आगामी सत्र की पढ़ाई 1 मई से शुरू की जाएगी। 8वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए बीकानेर निदेशालय की ओर से अलग से गाइड लाइन जारी की जाएगी।
क्या है स्माइल प्रोजेक्ट?
राज्य सरकार ने कोरोना के दौर में लॉकडाउन लगने के बाद बच्चों की पढ़ाई के लिए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत शिक्षकों को निर्देश दिए गए थे कि वे यूट्यूब चैनल बनाकर ऑनलाइन क्लास लें और उन क्लास के लिंक स्टूडेंट्स या स्कूल के वाट्सएप ग्रुप पर शेयर करें, ताकि बच्चे यूट्यूब पर ऑनलाइन क्लास देखकर अपनी पढ़ाई कर सकें।
ऐसे होंगे प्रमोट
सरकारी व गैर सरकारी स्कूल कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को शिक्षा विभाग की साइट पर ऑनलाइन दर्ज करते हैं। इन एनरोल स्टूडेंट्स को नए सत्र में एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा। ये उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलेगा जो स्कूल में पढ़ रहे हैं। ऐसे में स्कूल में अध्ययनरत होना जरूरी है।