मुंबई। पुलिस कमिश्नर पद से हटाए गए परमबीर सिंह का सचिन वाज़े की तरह विवादों से पुराना नाता रहा है। लेकिन इस बार मामला कुछ ज़्यादा ही गंभीर है। सोमवार को मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को एंटीलिया बम कांड मामले में उनकी बेगुनाही का समर्थन करने के लिए सैकड़ों ट्वीट किए गए थे। इनमें से ज्यादातर ट्वीट्स में दावा किया गया कि परमबीर सिंह को ‘स्कॉर्पियो कार विवाद’ में ‘घसीटा’ गया।
ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों एनआईए के अधिकारियों ने 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी स्कॉर्पियों खड़ी करने की घटना में इस्तेमाल की गई सफेद इनोवा कार को मुंबई पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में ट्रेस किया। करीब से देखने पर उन्होंने पाया कि यह वही सफेद इनोवा कार है, जिसका इस्तेमाल विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो के साथ किए जाने की आशंका है। जानकारी के मुताबिक इस कार पर ‘पुलिस’ लिखा हुआ था।
परमबीर की सुशांत सिंह राजपूत केस हो या फिर दिशा सालियान केस या फिर पालघर साधु हत्याकांड जैसे मामलों को दबाने में प्रमुख भूमिका रही है। उनकी कोशिश तो यह भी थी कि मुकेश अंबानी के बंगले के बाहर विस्फोटकों से भरी कार के मामले को भी दबा दिया जाये। किन्तु इससे पहले ही NIA ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया। सचिन वाज़े के साथ ही परमबीर की भी पोल खुलते देख उद्धव ठाकरे सरकार ने इसका तबादला कर दिया।
इससे पहले रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर परमबीर सिंह का नाम चर्चा में आया था। मीडिया चैनल ने बताया था कि मुंबई पुलिस ने चैनल के न्यूजरूम में एडिटोरियल एक्सेस की माँग की थी। मुंबई पुलिस के इस कदम को भारतीय मीडिया के इतिहास में ‘अभूतपूर्व’ कदम बताते हुए मीडिया चैनल ने कहा कि परमबीर सिंह चैनल में काम करने वाले हर पत्रकार की जानकारी, उनका पता और लॉग इन आइडी की माँग कर रहे हैं। इसके अलावा मुंबई पुलिस ने न्यूजरूम में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर डिटेल्स, ब्रॉडकास्ट रनडाउन डिटेल, शिफ्ट इंचार्ज की जानकारी, न्यूज डेस्क के वीकली शेड्यूल की कॉपी और उन टेक्निशियन की जानकारी भी माँगी थी जिन्हें न्यूजरूम सॉफ्टवेयर के बारे में ज्ञान हो।
वहीं रिपब्लिक टीवी को साक्षात्कार देते हुए भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि 3-4 पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में उनको व्यक्तिगत रूप से बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया और हिरासत में लेकर उन्हें बेल्ट से इस तरह पीटा गया कि उन्हें वेंटीलेटर तक पर जाना पड़ा। उनकी रीढ़ की हड्डी भी टूट गई। इतना ही नहीं भगवा आतंक के नाम पर पुलिस बर्बरता झेल चुकी साध्वी प्रज्ञा का कहना है कि जब जब उनकी बेल की बात चली तो न्यायाधीशों तक को धमकी देने का काम हुआ। उन्होंने परमबीर सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्हें हिरासत के दौरान पॉर्न वीडियो दिखाई गईं और उनसे भद्दे सवाल किए गए।