50 साल पुराने चंबल के 3 बांधों की मरम्मत के लिए 150 करोड़ रुपये स्वीकृत

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कोटा। चंबल के 50 साल पुराने राणाप्रताप, जवाहरसागर और कोटा बैराज बांध के जीर्णोद्धार की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने लगभग 150 करोड़ की राशि जारी कर दी है। राणा प्रताप सागर बांध के हाइड्रो मेकेनिकल वर्क पर 25.28 करोड़, सिविल वर्क पर 38.38 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जवाहरसागर बांध के लिए 53.47 करोड़ की राशि आई है। काेटा बैराज के मैकेनिकल कार्य पर 23.27 करोड़ और सिविल कार्य पर 9. 47 करोड़ खर्च होंगे। इन कार्यों के पूरे होने में लगभग 3 साल का समय लगेगा।

काेटा बैराज : काेटा बैराज पर 32.74 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। बैराज के स्लूज गेट बदले जाएंगे। यह कई सालों से नहीं खुले हैं और जाम हैं। बड़े गेटों को भी बदला जाएगा। कुछ पर धातु चढ़ाई जाएगी। स्टॉप गेट व वायररोप भी बदले जाएंगे। बांध का निर्माण 1960 में किया गया था। इसकी कुल लंबाई 552 मीटर है।

राणा प्रताप सागर बांध : 1960 में काम शुरू किया गया, जो 1970 में पूरा हुआ। बांध की लंबाई 1143 मीटर, ऊंचाई 53.95 मीटर है। भराव क्षमता 2898 मिलियन घन मीटर है। कुल 21 गेट हैं। जिसमें 17 बड़े और 4 स्लूज गेट हैं।

जवाहरसागर बांध : चंबल घाटी परियोजना के तहत यह बांध बना। यह बूंदी जिले में स्थित है। इसमें 12 स्टील रेडियल गेट हैं। कुल भराव क्षमता 67 मिलियन घन मीटर है। यहां से 7.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकता है। बांध की कुल लंबाई 365.76 मीटर है। अधिकतम ऊंचाई 44.80 मीटर है।

पहले 100 करोड़ का प्रस्ताव, अब 150 करोड़ मंजूर
पहले तीनों बांधों के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रस्ताव था। केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि तीनों बांध अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। ऐसे में रखरखाव और सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाए। इसके बाद 150 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई।

बदल जाएंगे रावतभाटा के चारों स्लूज गेट : राणाप्रताप सागर बांध के 35 साल से बंद पड़े चारों स्लूज गेट अब बदल दिए जाएंगे। बड़े गेटों की मरम्मत का निर्णय अगले हफ्ते लिया जाएगा।

वर्ल्डबैंक की राशि से होना है जीर्णोद्धार: बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के तहत केंद्रीय जल आयोग के माध्यम से वर्ल्ड बैंक ने देशभर के 733 बड़े बांधोें की मरम्मत के लिए 11 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इससे बांधों का पुनर्वास भी किया जा सकेगा। इसमें बांसवाड़ा का माही बांध का प्रस्ताव भी शामिल है।