जानिए! पोस्टीरियर पोलर कैटरेक्ट बीमारी और इसका इलाज

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1990

डाॅ.सुरेश पाण्डेय, वरिष्ठ नेत्र सर्जन
कोटा।
आंखों में कई तरह की बीमारियां होती हैं। अगर उनका समय पर इलाज नहीं हो तो आँख की रोशनी जा सकती है। तो आइये जानते हैं पोस्टीरियर पोलर कैटरेक्ट के बारे में –

पोस्टीरियर पोलर कैटरेक्ट एक विशेष प्रकार का मोतियाबिन्द है जिसे आम भाषा में ‘झिल्ली से चिपका हुआ’ मोतियाबिन्द भी कहते है। सुवि नेत्र चिकित्सालय कोटा के नेत्र सर्जन डाॅ. सुरेश पाण्डेय के अनुसार इस प्रकार के मोतियाबिन्द ऑपरेशन फेको पद्धति से करते समय विशेष सावधानियां नेत्र सर्जन को रखनी पड़ती है।

अन्यथा पोस्टिरियर केपसुल नामक झिल्ली फटने एवं मोतियाबिन्द के टुकड़े आंखों केे विट्रीयस केविटी नामक पिछले हिस्से में गिरने की संभावना बढ़ जाती है। पोस्टीरियर पोलर केट्रेक्ट से पीडित रोगी की ऑपरेशन से पहले विस्तार से कांउसलिंग की जाती है एवं पोस्टीरियर केपसुल नामक झिल्ली फटने के संभावित खतरों से अवगत करवाकर ही मोतियाबिंद ऑपरेशन एवं लेंस प्रत्यारोपण किया जाता है।

पोस्टीरियर पोलर कैटरेक्ट से पीड़ित रोगियों में ऑपरेशन के बाद स्पष्ट दृष्टि लोटने में कुछ दिनों का अतिरिक्त समय लग सकता है। मोतियाबिन्द ऑपरेशन के समय पोस्टीरियर केपसुल झिल्ली फटने एवं मोतियाबिन्द के टुकड़े विट्रीयस केविटी से निकालने हेतु रेटिना सर्जन की भी मदद लेनी पड़ सकती है