जयपुर। ACB ने प्रदेश की राजधानी जयपुर में शनिवार रात को जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि. (JCTSL) के OSD वीरेन्द्र वर्मा को 4 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है, जबकि रिश्वत देने वाले दिल्ली की बस कंपनी पारस ट्रैवल्स के मालिक नरेश सिंघल, उसके कर्मचारी अनुज अग्रवाल को भी पुलिस ने इस कार्रवाई में धर दबोचा है। इन तीनों को OSD वर्मा के अजमेर रोड जनकपुरी स्थित निवास से पकड़ा गया है। जबकि इस पूरे मामले में संदिग्ध माने जा रहे JCTSL में कार्यरत AAO (संविदा पर कार्यरत) महेश कुमार गोयल को ACB ने शक के आधार पर पूछताछ के लिए पकड़ा है, जिसकी गिरफ्तारी अभी दर्ज नहीं की है।
ACB के महानिदेशक (DG) बी.एल. सोनी ने बताया कि रिश्वत की रकम वर्मा ने दिल्ली की बस कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट शर्तों में छूट देने की एवज में मांगी थी। रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद ACB की टीम सभी को मुख्यालय लेकर पहुंची है, यहां उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि ACB के एडीशनल एसपी बजरंग सिंह के नेतृत्व में डीएसपी सचिन शर्मा, इंस्पेक्टर प्रिया व्यास और ASI शिव सिंह की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
ACB में अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) दिनेश एमएन ने बताया कि जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज में 100 मिडी बसें कॉन्ट्रेक्ट पर लगाने के लिए ये पूरा टेंडर हुआ था। इसमें से 50 बसें तो लग भी गईं। इन बसों की टेंडर प्रक्रिया में कुछ रियायतें देने। बस डिपो पर कंपनी के कर्मचारियों को रहने के लिए 10 आवास उपलब्ध करवाने, पीने के पानी-बिजली सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की एवज में OSD वर्मा ने 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसकी, पहली किश्त 4 लाख रुपए देने ट्रेवल्स कंपनी का मालिक पहुंचा था। रिश्वत देने के दौरान ACB ने वर्मा के घर पर ट्रैवल्स कंपनी के मालिक नरेश सिंघल और कर्मचारी अनुज को पकड़ा।
7 लाख नकद और बेशकीमती जमीनों के कागजात मिले
ACB के एडिशनल SP बजरंग सिंह ने बताया कि ट्रैप के बाद जब वर्मा के घर की जांच-पड़ताल की तो वहां 7 लाख रुपए नकद मिले। इसके अलावा 3 भूखण्डों और 0.75 हेक्टेयर कृषि भूमि के कागजात भी बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में एसीबी पिछले 3 दिनों से इन सभी पर 24 घंटे निगरानी रखे हुए थी।
50 बसों का लोकार्पण यूडीएच मंत्री से करवाया था
JCTSL की 50 नई मिडी बसों का कल ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से वीरेंद्र वर्मा ने उद्घाटन करवाया था। वर्मा ही इस पूरे उद्घाटन कार्यक्रम के कर्ताधर्ता थे। जिन मिडी बसों का मंत्री से उद्घाटन करवाया, उनमें भी भ्रष्टाचार हो रहा था। इस उद्घाटन के महज छह घंटे बाद ही वर्मा को ACB ने रिश्वत लेते हुए धर दबोचा।