खालिस्तान का समर्थन करने वाले किसान नहीं हो सकते -अर्नब गोस्वामी

0
383

नई दिल्ली। रिपब्लिक भारत पर अपने डिबेट शो ‘पूछता है भारत’ में कहा कि ये किसान नहीं हो सकते, इन्होंने मेरे चैनल को बंद कराने की कोशिश की। दरअसल कार्यक्रम के शुरुआत में अर्णब गोस्वामी ने कहा कि ‘आज एक बात शीशे की तरफ साफ हो गई कि 26 जनवरी को दिल्ली में जो हिंसा हुई थी उसके पीछे बहुत बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश थी। विदेश में बैठकर दिल्ली को दंगे की आग में झोंकने का प्लान बनाया गया था। इस पूरी कड़ी को समझिए। पहले इन लोगों ने कहा कि ये तो किसान हैं। फिर हमने कहा कि किसान महिलाओं को नहीं पीटते, किसान खालिस्तान का समर्थन नहीं करते और किसान कभी विदेशियों के साथ मिलकर अपने देश के साथ षड्यंत्र नहीं करते।’

अर्णब ने आगे कहा कि ‘रिपब्लिक भारत ने पहले ही कहा था कि जिन लोगों ने किसान के नाम पर हिंसा फैलाने की कोशिश की ये किसान नहीं हैं. ये किसान कभी भी नहीं हो सकते हैं…ये देश विरोधी हैं। रिपब्लिक भारत शुरू से इन्हें बेनकाब करता आ रहा है। इसीलिए इन देश विरोधियों ने रिपब्लिक को टारगेट किया। दूसरे लुटियन मीडिया वालों के साथ हाथ मिलाकर इन्होंने इस चैनल को बंद कराने की कोशिश की। लेकिन हमारे साथ आपका प्यार है, मेरे साथ आपका समर्थन है, इसीलिए ये चैनल इन षड्यंत्रकारियों को हरा चुका है।’

बहरहाल आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटे बॉर्डर पर पिछले करीब 3 महीने से किसानों का प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक किसान आंदोलन को लेकर ठोस नतीजा नहीं निकल सका है।

सड़क से लेकर संसद तक गरमा-गरम बहस के बाद भी बात नहीं बनी, तो किसानों ने अब आंदोलन का रुख बंगाल की तरफ मोड़ दिया है। बंगाल चलो का आह्वान महापंचायत के मंच से किया जा रहा है। आंदोलनकारी किसानों ने उनका समर्थन ना करने वालों के खिलाफ वोट की अपील है।