नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिकारियों ने टैक्स चोरी के मामले का बड़ा खुलासा किया है। दिल्ली में एक व्यक्ति 46 फर्जी कंपनियों को चला रहा था। इस दौरान इसने 82 करोड़ रुपए से ज्यादा का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाया था। इसके लिए 541.13 करोड़ रुपए के फर्जी बिल बनाए गए थे।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि पिछले 3 सालों में GST के तहत दिल्ली जोन ने 3,791 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी है। 21 लोगों को इन मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है। खासकर पिछले एक साल में जीएसटी अधिकारियों ने जो अभियान चलाया है, उसके दौरान काफी लोग गिरफ्तार किए गए हैं। उनसे बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का पता चला है। आगे जांच में यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।
मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली में इस नेटवर्क के जरिए फर्जी बिल बनाकर देने का काला कारोबार चलाया जा रहा था। अब तक 82.23 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हासिल किया जा चुका है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि डेटा विश्लेषण के जरिए पूर्वी दिल्ली के GST अधिकारियों को इन 46 फर्जी फर्मों के नेटवर्क की पहचान करने में मिली। उसके बाद उनके काले धंधे की परतें उखाड़ने में मदद मिली।
इन कंपनियों को 2017 से चलाया जा रहा था। ढेर सारे लोगों को नकली बिलों के जरिए फर्जी ITC का लाभ दिलाया जा चुका है। इन लोगों की पहचान की जा रही है।
मंत्रालय ने कहा कि जांच में सामने आया कि इन फर्मों और इस काले नेटवर्क में अरविंद कुमार और उसके सहयोगी शामिल हैं। इनका नियंत्रण भी इन्हीं के हाथों में है। अरविंद कुमार को जनवरी में गिरफ्तार कर लिया गया था। अरविंद के सहयोगी कमल सिंह सोलंकी ने भी फर्जी बिलों के इस रैकेट में शामिल होने की बात स्वीकार की है।
541 करोड़ का फर्जी बिल बनाया गया था
कमल ने बताया है कि करीब 541.13 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जारी किए जा चुके हैं। इनसे 82.23 करोड़ रुपए का फर्जी ITC वसूला जा चुका है। कमल सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। बता दें कि आईटी सिस्टम को सही करने, सब कुछ डिजिटल करने और इस तरह के अभियान चलाने की वजह से जीएसटी कलेक्शन में उछाल आया है।
लगातार चार महीने से जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार रहा है। जनवरी में तो यह 1.20 लाख करोड़ रुपए हो गया था। दिसंबर में यह 1.15 लाख करोड़ रुपए था। हालांकि दूसरी बात यह भी है कि जीएसटी एंड कस्टम्स विभाग में देश भर में 42246 पद खाली हैं।