नई दिल्ली। भुगतानों और निपटान सिस्टम को और बेहतर बनाने और तेज करने के लिए रिजर्व बैंक ने सभी 18,000 बैंक शाखाओं को चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के तहत आने को कहा है। शुक्रवार को RBI ने कहा कि सभी बैंक सितंबर तक CTS के दायरे में आ जाएंगे।
चेक ट्रंकेशन सिस्टम की शुरुआत 2010 से हुई और इसके तहत तीन चेक प्रोसेसिंग ग्रिड में लगभग 1,50,000 बैंक शाखाएं शामिल हैं। तब से 1,219 गैर-सीटीएस समाशोधन को अब सीटीएस में स्थानांतरित कर दिया गया है।
RBI ने एक बयान में कहा कि चूंकि काग़ज़-आधारित समाशोधन में परिचालन दक्षता लाने और बेहतर ग्राहक सेवा को देखते हुए चेक के संग्रह और निपटान की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए लगभग 18,000 से अधिक शाखाएं अभी भी औपचारिक समाशोधन व्यवस्था के बाहर हैं, इसलिए सितंबर तक सीटीएस के तहत ऐसी सभी शाखाओं को लाना प्रस्तावित है। इसके लिए एक महीने के भीतर अलग परिचालन दिशानिर्देश जारी किया जाएगा।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि धोखाधड़ी और फ़िशिंग से बचने के लिए डिजिटल भुगतान सेवाओं के वास्ते 24×7 हेल्पलाइन स्थापित किया जाएगा। RBI की भुगतान प्रणाली विज़न डॉक्यूमेंट में विभिन्न डिजिटल भुगतानों के संबंध में ग्राहक के सवालों का जिक्र करने के लिए 24×7 हेल्पलाइन स्थापित करने की बात कही गई है।
आरबीआई ने बाजार में नकदी की बेहतर स्थिति के मद्देनजर नकदी आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को चार फीसद पर वापस लाने का फैसला किया। सीआरआर कुल जमा का वह प्रतिशत है, जो बैंकों को अनिवार्य रूप से रिजर्व बैंक के पास रखना होता है। आरबीआई ने पिछली बार नवंबर 2011 में सीआरआर को 0.25 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के निष्कर्षों की घोषणा की। नीतिगत ब्याज दरें लगातार चौथी बार भी अपरिवर्तित रहीं। खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूति बाजार की साीधी पहुंच मिलेगी।