नई दिल्ली। किसान आंदोलन पर राज्यसभा में बोलते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पॉइंट-बाई-पॉइंट नए कृषि कानूनों की आलोचनाओं का जवाब दिया। तोमर ने कहा कि सरकार ने किसान यूनियनों को 12 बार बुलाकार बातचीत की कोशिश की। तोमर ने कहा, “हमने कहा कि प्रावधान में कहां गलती है, हमारा ध्यान आकर्षित करिए।” कृषि मंत्री ने साफ कर दिया कि अगर ‘भारत सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार हैं, इसके मायने ये नहीं कि किसान कानून में कोई गलती है।’
तोमर ने कहा कि किसान आंदोलन एक ही राज्य का मसला है। उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाया। तोमर ने कहा कि ‘खून से खेती केवल कांग्रेस ही कर सकती है।’ इसपर कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए हंगामा किया। कृषि मंत्री ने इसके बाद विभिन्न प्रावधानों को लेकर सदन के भीतर स्थिति स्पष्ट की।
“किसानों को इस बात के लिए बरगलाया गया कि ये कानून आपकी जमीन को ले जाएंगे। मैं कहता हूं कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के ऐक्ट में कोई एक प्रावधान बताए। कौन सा प्रावधान है जो किसी भी व्यापारी को किसान की जमीन छीनने की इजाजत देता है? लेकिन लोगों को भड़काया जा रहा है कि जमीन चली जाएगी।
ऐक्ट में अगर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का प्रावधान किया है। कॉन्ट्रैक्ट मूल्य का प्रावधान किया है। कॉन्ट्रैक्ट मूल्य से फसल का मूल्य बढ़ेगा सीजन पर तो उसका बोनस के रूप में हिस्सा किसान को मिलेगा, ये प्रावधान किया है। किसान इस ऐक्ट से कभी भी बाहर हो सकता है। व्यापारी कभी भी बिना पैसे दिए इस ऐक्ट से बाहर नहीं हो सकता।
पंजाब सरकार का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ऐक्ट उठाइए। हरियाणा सरकार का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ऐक्ट उठाइए। अभी 20-22 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए नया ऐक्ट बनाया है या उन्होंने एपीएमसी में शामिल किया है। पंजाब सरकार के ऐक्ट में किसान को जेल जाने का प्रावधान है। अगर वो नहीं देगा तो 5 लाख रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है।
खरीद में ट्रांसपेरेंसी आए। ई-ट्रांजेक्शन बढ़े। किसान को वाजिब दाम मिले। इसके लिए 1000 मंडियों को ई-नैम मंडियों के रूप में परिवर्तित किया और 1,000 और कर देंगे। हमने लगातार कोशिश की है कि कृषक की आमदनी दोगुनी हो। मैं पूरे सदन को, सभी किसानों को कहना चाहता हूं कि जो बिल हम लेकर आए हैं, वे किसान के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले हैं। किसान की आमदनी बढ़ाने वाले हैं।”
विपक्ष पर कृषि मंत्री का तंज
इससे पहले, तोमर ने विपक्षी सदस्यों पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने बताया नहीं कि कानून के प्रावधानों में क्या समस्या है। कृषि मंत्री ने कहा, “मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा। मैं किसान यूनियन से भी 2 महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है।”