कोचिंग में एम्बुलेंस लगाने के नाम पर फिजियोथेरेपिस्ट ने लोगों को ठगा

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कोटा। शहर में कोरोना काल में ठगी का अनोखा मामला सामने आया है। सरकारी अस्पताल में निःशुल्क सेवार्थ लगे एक कोचिंग के फिजियोथेरेपिस्ट ने कमाई का झांसा देकर नर्सिंग स्टाफ और अन्य एम्बुलेंस कर्मी से लाखों रुपये की ठगी की है। पीड़ितों को जब ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने एमबीएस अस्पताल अधीक्षक को शिकायत देकर पैसा वापस दिलवाने की गुहार लगाई है।

ठग, डॉ आशीष शर्मा ,(फिजियोथेरिपिस्ट) एलन कोचिंग का संकाय सदस्य बताया जा रहा है। जिसे कोरोना काल के शुरुआत में एम्बुलेंस कोर्डिनेशन के लिए पहले एमबीएस व बाद में नए अस्पताल में लगाया गया था। डॉ. आशीष नए अस्पताल के अधिग्रहित अस्पताल व ऑक्सीजन प्लांट के समन्वयक के तौर पर कार्य देख रहा था। 23 सितंबर को मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने आदेश जारी कर डॉ. आशीष की निःशुल्क स्वेच्छिक सेवाएं समाप्त की थी।

जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल के शुरुआत में अप्रैल के महीने में ठग, डॉ आशीष शर्मा एमबीएस अस्पताल में निःशुल्क सेवा दे रहा था। इस दौरान आइसोलेशन वार्ड में लगे नर्सिंग स्टाफ और एम्बुलेंस कर्मियों के सम्पर्क में आया। आशीष ने नर्सिंग स्टाफ व एम्बुलेंस कर्मियों को एलन कोचिंग में स्टूडेंट्स को छोड़ने के लिए एम्बुलेन्स/ वाहन लगाने का झांसा दिया। उसने आआइसोलेशन वार्ड में कार्यरत नर्सिंग कर्मी ग्रेड सेकंड प्रत्यूष व गिर्राज से 1 लाख 25 हजार रुपये डिपॉजिट करने को कहा। उसने कहा कि स्टूडेंट से मिलने वाले पैसों से वाहन की EMI कट जाएगी। वाहन आपके नाम रहेगा। दोनों ने अप्रैल माह में 2 लाख 50 हजार रुपये आशीष के खाते में डाल दिये। वहीं एक अन्य निजी एम्बुलेंस ड्राइवर ने भी कमाई के झांसे में आकर अप्रैल माह में 1 लाख 25 हजार दे दिए।

नर्सिंगकर्मियों ने दी लिखित में शिकायत
पीड़ितों का कहना है ठग आशीष ने कई लोगों को झांसा देकर रकम हड़पी है। पीड़ितों ने रकम का तकाजा करने के लिए आशीष को फोन किया तो उसका मोबाइल बन्द आ रहा है। फिलहाल तीन पीड़ित ही सामने आए हैं। जिन्होंने एमबीएस अस्पताल अधीक्षक को लिखित में शिकायत दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ आशीष ने एलन कोचिंग में भी ठगी का प्रयास किया था। लेकिन, वक्त रहते पता चलने पर उसको हटा दिया गया।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने बताया कि अप्रैल में प्रिंसिपल ऑफिस की ओर एलन संकाय सदस्य डॉ आशीष को एम्बुलेंस कोर्डिनेशन के लिए निःशुल्क सेवार्थ अस्पताल में लगाया था। उस दौरान जब नए अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाया था। तो उसे भी नए अस्पताल लगाया गया था। कुछ नर्सिंगकर्मी व निजी एम्बुलेंस चालक ने ठगी की शिकायत की है। पुलिस की मदद से मामले को दिखा रहे हैं।