नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में ‘वोकल फॉर लोक’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर जोर देते हुए देशवासियों से इन दोनों अभियानों को मुकाम तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने वर्ष 2020 के आखिरी एपिसोड में गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों के शहादत दिवस के साथ-साथ गीता जयंती की भी चर्चा की और कहा कि इस देश ने कभी अत्याचारियों और आतताइयों के सामने झुकना कबूल नहीं किया। पीएम अपने रेडियो प्रोग्राम में वन और पर्यावरण से लेकर स्वच्छ भारत मिशन पर भी अपने विचार खुलकर रखे। आइए जानते हैं पीएम के मन की बात कार्यक्रम की कुछ प्रमुख बातें…
पीएम ने कहा- कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अनेक बाधाएं आई, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए। देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ। अगर शब्दों में कहना है तो इस सामर्थ्य का नाम है- आत्मनिर्भरता। मैं देश के निर्माताओं और उद्योग जगत के नेताओं से आग्रह करता हूं कि देश के लोगों ने मजबूत कदम आगे बढ़ाया, वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local) आज घर-घर में गूंज रहा है। ऐसे में अब यह सुनिश्चित करने का समय है कि हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय हों। पीएम ने ‘जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट’ का मंत्र देते हुए आह्वान किया कि जो भी ग्लोबल बेस्ट है, वो हम भारत में बनाकर दिखाएं। इसके लिए हमारे उद्यामी साथियों को आगे आना है। स्टार्टअप को भी आगे आना है।
न्यू ईयर रिजॉल्युशन लेने की अपील
मोदी ने कहा कि हर नए साल में देशवासी कोई न कोई संकल्प लेते हैं और इस बार भारत में बने उत्पादों का इस्तेमाल करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा- मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि दिनभर इस्तेमाल होने वाली चीजों की आप एक सूची बनाएं। उन सभी चीजों की विवेचना करें और यह देखें कि अनजाने में कौन सी विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है तथा एक प्रकार से हमें बंदी बना दिया है। भारत में बने इनके विकल्पों का पता करें और यह भी तय करें कि आगे से भारत में बने, भारत के लोगों के पसीने से बने उत्पादों का हम इस्तेमाल करें।
गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों की याद
मोदी ने कहा- मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है। आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें। लेकिन हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया। दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊँची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए। आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माता जी – माता गुजरी ने भी शहादत दी थी।
चार साल में भारत में तेंदुओं की आबादी बढ़ी
मन की बात में मोदी ने कहा- भारत में 2014 से 2018 के बीच तेंदुओं की संख्या में 60% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी, जो 2019 में बढ़कर 12,852 हो गई। देश के अधिकतर राज्यों, विशेषकर मध्य भारत में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है। तेंदुए की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं। पिछले कुछ सालों में, भारत में शेरों की आबादी बढ़ी है, बाघों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, साथ ही भारतीय वनक्षेत्र में भी इजाफा हुआ है।
युवाओं के प्रति आश्वस्त
प्रधानमंत्री ने देश की युवाशक्ति पर अपना भरोसा जताते हुए कहा- मैं भारत के युवाओं को देखता हूं तो, खुद को आनंदित और आश्वस्त महसूस करता हूँ. वो इसलिए क्योंकि मेरे देश के युवाओं में ‘Can Do’ की सोच है और ‘Will Do’ का जुनून है। उनके लिए कोई भी चुनौती बड़ी नहीं है।
कश्मीरी केसर
पीएम ने कहा- कश्मीरी केसर वैश्विक स्तर पर एक ऐसे मसाले के रूप में प्रसिद्ध है, जिसके कई प्रकार के औषधीय गुण हैं। यह अत्यंत सुगन्धित होता है, इसका रंग गाढ़ा होता है और इसके धागे लंबे और मोटे होते हैं जो इसकी औषधीय मूल्य को बढ़ाता है। इसी साल मई में कश्मीरी केसर को Geographical Indication Tag यानि GI Tag दिया गया। इसके जरिए हम कश्मीरी केसर को एक विश्वस्तरीय और लोकप्रिय ब्रैंड बनाना चाहते हैं। कश्मीर का केसर बहुत unique है और दूसरे देशों के केसर से बिलकुल अलग है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि कश्मीरी केसर को GI Tag का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्केट में इसे लॉन्च किया गया।
गीता का महत्व
गीता जयंती पर मोदी ने कहा- 2 दिन पहले गीता जयंती थी। आपने कभी सोचा है, गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ क्यों है? वो इसलिए कि ये भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है, लेकिन गीता की विशिष्टता ये भी है कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है। अर्जुन ने भगवान से प्रश्न किया, जिज्ञासा की, तभी तो गीता का ज्ञान संसार को मिला। गीता की ही तरह हमारी संस्कृति में जितना भी ज्ञान है, सब जिज्ञासा से ही शुरू होता है। हमारे अन्दर जब तक जिज्ञासा है, तब तक जीवन है। वेदांत का तो पहला मंत्र ही है ‘अथातो ब्रह्म जिज्ञासा’, अर्थात आओ हम ब्रह्म की जिज्ञासा करें। इसलिए तो हमारे यहां ब्रह्म के भी अन्वेषण की बात कही जाती है। जिज्ञासा की ताकत ही ऐसी है। जब तक जिज्ञासा है, तब तक नया सीखने का क्रम जारी है। इसमें कोई उम्र, कोई परिस्थिति, मायने ही नहीं रखती।
स्वच्छ भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों से स्वच्छ भारत अभियान के प्रति भी ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने नदियों, समुद्रों एवं अन्य जलाशयों के प्रदूषण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा- साथियो, हमें ये सोचना होगा कि समुद्र तटों और पहाड़ों पर ये कचरा पहुंचता कैसे है? आखिर, हम में से ही कई लोग ये कचरा वहाँ छोड़कर आते होंगे। हमें ये संकल्प लेना चाहिए, कि हम कचरा फैलाएंगे ही नहीं। एक और बात मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं, हमें देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना ही है. ये भी 2021 के हमारे संकल्पों में से एक है।