ऐसा होगा नया संसद भवन, पीएम मोदी 10 दिसंबर को रखेंगे आधारशिला

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नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के नए भवन का डीटेल बताते हुए कहा, ‘लोकतंत्र का वर्तमान मंदिर अपने 100 साल पूरे कर रहा है। यह देशवासियों के लिए गर्व का विषय होगा कि नए भवन का निर्माण हमारे अपने लोगों द्वारा किया जाएगा जो आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख उदाहरण होगा।’ आइए जानते हैं लोकसभा अध्यक्ष ने नए संसद भवन के बारे में और कौन-कौन सी खासियतें गिनाईं…

लोकसभा अध्यक्ष के अनुसार, संसद की नई इमारत भूकंप रोधी क्षमता वाली होगी। नए भवन के निर्माण के दौरान वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं। सितंबर में 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण का ठेका टाटा प्रॉजेक्ट लिमिटेड को मिला था। तकरीबन 60 हजार स्क्वायर मीटर में बनने वाला यह नया भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत है और इसे वर्तमान संसद भवन के नजदीक बनाया जाएगा।

इसके निर्माण में 2,000 लोग सीधे तौर पर शामिल होंगे तथा 9,000 लोगों की परोक्ष भागीदारी होगी। बताया जाता है कि यह इमारत तीन मंजिला होगी और भवन की डिजाइन त्रिकोणीय होगी। नए संसद भवन का निर्माण कार्य अक्टूबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। योजना है कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर संसद सत्र का आयोजन नई इमारत में किया जा सके।

1,244 सांसदों के बैठने की क्षमता
उन्होंने बताया कि नए संसद भवन में 1,224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे। लोकसभा कक्ष में 888 और राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्यों के लिए सीटें आवंटित होंगी। यह भविष्य में दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। लोकसभा का आकार मौजूदा सदन से लगभग तिगुना होगा। मौजूदा में समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य हैं। नई बिल्डिंग की डिजाइन में लोकसभा, राज्यसभा और एक खुला आंगन होगा। दोनों ही सदन सुविधाओं और डिजाइनिंग के लिहाज से स्टेट ऑफ आर्ट होंगे।

बताया जाता है कि नए सदन में सांसदों की बैठने की व्यवस्था मौजूदा व्यवस्था से हटकर ज्यादा खुली व आरामदेह होगी। एक टेबल पर दो सासंद बैठेंगे। वहीं नई इमारत में सभी मंत्री एक ही जगह सभी मंत्रियों के एक ही जगह पर बैठने की व्यवस्था की गई है, जिससे उनके आने जाने में लगने वाले वक्त की बचत हो सके।

सांसदों के लिए ऑफिस कैंपस
मौजूदा श्रम शक्ति भवन (संसद भवन के निकट) के स्थान पर दोनों सदनों (ऊपर सदन लोकसभा और निचली सदन लोकसभा) के सांसदों के लिए कार्यालय परिसर का निर्माण कराया जाएगा। बिरला का कहना है कि नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होंगे जो आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से युक्त होंगे तथा यह ‘पेपरलेस ऑफिस’ बनाने की दिशा में कदम होगा। इसके साथ ही सांसदों के लिए एक लॉन्ज होगा। उनके लिए पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र होगा।

विशाल संविधान कक्ष
इसका बड़ा आकर्षण विशाल संविधान कक्ष (Constitution Hall) होगा, जहां भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाने के लिए तमाम चीजों के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्प्ले वगैरह दिखाए जाएंगे। संसद आने वाले दर्शकों खासकर विदेशी डेलिगेशन के लिए भारत की संसदीय लोकतंत्र को समझने में मदद मिलेगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘नए भवन के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होगी। आशा है कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर संसद का सत्र नए भवन में आयोजित होगा।’ उन्होंने कहा कि संसद के वर्तमान भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा।

10 दिसंबर के कार्यक्रम में सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रण
उन्होंने कहा कि नए भवन के निर्माण की आधारशिला संबंधी कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा। कुछ लोग मौके पर मौजूद होंगे तथा अन्य लोग डिजिटल माध्यम शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में कोरोना वायरस से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन होगा। बिरला ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी को इस कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण दिया। नियमों के मुताबिक, लोकसभा का अध्यक्ष संसद भवन का संरक्षक भी होता है।