नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच अब सबकी निगाह इसके वैक्सीनों पर है, जो बनने के करीब हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद वैक्सीन के विकास की प्रगति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने शनिवार को भारत में बन रहीं तीन प्रमुख वैक्सीनों के संयंत्रों का दौरा कर टीके के विकास की समीक्षा की। पीएम मोदी के इस दौरे का मकसद वैक्सीन की तैयारियों, चुनौतियों, सभी भारतीय नागरिकों के टीकाकरण के लिए रोडमैप के लिहाज से फर्स्ट-हैंड जानकारी लेना था।सबसे पहले वह अहमदाबाद के पास जाइडस कैडिला के वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट का दौरा किया। उसके बाद वह हैदराबाद में भारत बायोटेक के संयंत्र पहुंचे और वहां से शाम को पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों प्रमुख वैक्सीनों के बारे में अपडेट लिए। उन्होंने वैक्सीन के विकास में कहां तक प्रगति हुई, ट्रायल्स में अब तक क्या मिला, वैक्सीन कितनी असरदार दिख रही है जैसी तमाम जानकारियां हासिल की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने वैज्ञानिकों को बधाई भी दी। वैक्सीन निर्माण में लगे लोगों के भीतर काफी उत्साह दिखा। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला ने पीएम मोदी को ब्रीफ किया।
दौरे की अहमियत और क्या होगा फायदा?
भारत समेत पूरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी से जूझ रही है। सबको वैक्सीन की तलाश है। देश में तो कुछ राज्यों में संक्रमण की नई लहर ने चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में प्रधानमंत्री का वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के संयंत्रों का दौरा करना बड़ा संदेश है। एक तो यह पीएम और उनकी सरकार की वैक्सीन को लेकर गंभीरता को दिखाता है और दूसरी बात यह है कि खुद के बीच प्रधानमंत्री को पाकर रिसर्चरों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का निश्चित तौर पर हौसला बढ़ा है।
महामारी ने जिस तरह पूरी दुनिया को एक तरह से अस्त-व्यस्त कर रखा है, वैज्ञानिकों पर जल्द से जल्द वैक्सीन बनाने का दबाव है। वे बिना थके दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं। ट्रायल्स के नतीजों को सांसें थामकर देख रहे हैं। जरा सी चूक भी सारी मेहनत पर पानी फेर सकती है। इसी से समझा जा सकता है कि वे कितने तनाव और दबाव के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे वक्त में खुद प्रधानमंत्री को अपने बीच पाना और उनसे शाबासी मिलने से वैज्ञानिकों, रिसर्चरों और एक्सपर्ट्स का हौसला बढ़ेगा।
पीएम को अपने बीच पाकर बेहद खुश दिखे कर्मचारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के संयंत्र पहुंचे तो गेट पर स्टाफ ने उनका अभिवादन किया। स्टाफ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पीएम मोदी के पैर छूने के अंदाज में झुके। इस दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों, रिसर्चरों समेत पूरे स्टाफ का उत्साह देखने लायक था। वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री को वैक्सीन की प्रगति के बारे में जानकारियां दीं। भारत बायोटेक आईसीएमआर और नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर कोवाक्सीन टीके को बना रही है।
पहले अहमदाबाद, फिर हैदराबाद और पुणे का दौरा
प्रधानमंत्री ने शनिवार सुबह सबसे पहले अहमदाबाद के नजदीक स्थित जाइडस कैडिला के संयंत्र का दौरा किया। उसके बाद वह हैदराबाद में भारत बायोटेक के संयंत्र पहुंचे और वहां से पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा किया। जाइडस कैडिला की वैक्सीन के अगले साल मार्च तक आने की संभावना है। वहीं भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में है और अगले साल की शुरुआत में इसके भी आने की संभावना है। सीरम इंस्टिट्यूट मशहूर ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका की तरफ से विकसित वैक्सीन का ट्रायल और निर्माण कर रहा है।