कोटा में नियमों के तहत कोचिंग संस्थान शुरू हो, संघर्ष समिति का सरकार से आग्रह

0
1046

कोटा। शहर की अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी कोटा कोचिंग को शुरू करने की मांग को लेकर कोटा बचाओं संघर्ष समिति की और से लगातार आंदोलन किया जा रहा है और राज्य सरकार से मांग की जा रही है कि वह जल्द ही कोटा की कोचिंगों के लिए नियम लागू कर उन्हें शुरू करने की अनुमति प्रदान करें, ताकि कोटा का विकास हो सके। इस व्यवसाय से जुडे लाखों लोगों को रोजगार मिल सके।

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल व चंबल हॉस्टल एसोसिएशन शुभम अग्रवाल का कहना है कि कोटा को बचाना है तो कोटा की कोचिंग संस्थानों को खोलना होगा। कोरल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने कहा कि जिला प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस कारण व्यवसाय से जुड़े लोगों को आंदोलन पर मजबूर होना पड़ रहा है। लेकिन वह सरकार के नियमों का पालन करते हुए कोचिंग खोलने की मांग कर रहे हैं।

सैकडों हॉस्टल, मैस व्यवसाई हो रहे प्रभावित
कोटा हॉस्टल लीज एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश गोस्वामी व न्यू कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद जुनेद का कहना है कि कोटा में कोचिंग नहीं खुलने से करीब 3000 हॉस्टल, 30 हजार पीजी, 500 मैस, हॉटल्स व करीब लाखों लोग छोटे बडे व्यवसाय करते हैं जो कोचिंग पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने करोडों रूपए लोन ले रखा है जिसकी किश्त जाना भी मुश्किल हो रहा है वहीं कर्मचारियों का वेतन व सामान्य खर्च भी नहीं निकाल पा रहे जिस कारण भारी आर्थिक संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि कोटा का लाइफ लाइन कोटा कोचिंग है, जिसे शुरू कराना कोटा के हित में होगा। कोटा में 50 से अधिक छोटे बडे कोचिंग संस्थान हैं जो लाखों लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

सरकार की गाइड लाइन का करेंगे पालन
कोटा बचाओं संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि कोटा की कोचिंग को खोलने के लिए सरकार जो भी गाइड लाइन बनाएगी उसे फोलो किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोटा में अधिकांश उद्योग और व्यवसाय खुल चुके हैं लेकिन कोचिंगों पर लगे ताले कोटा शहर को काफी पीछे धकेल देंगे जिसका खामियाजा लम्बे समय तक कोटा की जनता को उठाना पडेगा। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही कोचिंगों का संचालन नियमानुसार करें ताकी लोगों को राहत मिल सके।