मुंबई। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ मुंबई पुलिस की साजिश जारी है। मंगलवार सुबह रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के डिस्ट्रीब्यूशन असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट घनश्याम को उनके आवास से मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया।
पिछले कुछ दिनों से कथित रूप से टीआरपी हेरफेर मामले में क्राइम ब्रांच यूनिट द्वारा घनश्याम से 30-40 घंटे से भी ज्यादा समय तक पूछताछ की गई है और वह जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। इसके बावजूद आज मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह मामला ऐसे समय में आया है जब रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को एक बंद हुए केस में गिरफ्तार किया गया है। अर्नब चार नवंबर से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं।
वहीं ऑप इंडिया ने टीआरपी मामले में सनसनी खेज खुलासा किया था। ऑप ने इस टेप को सीबीआई को सौंप दिया है। इस टेप में मुंबई पुलिस पर ‘गवाहों को धमकाने’ का आरोप लगाया गया है। इस टेप में टीआरपी मामले के गवाहों और उनके दोस्तों के बीच बातचीत दर्ज है। इस बातचीत में गवाह साफ साफ बता रहा है कि किस तरह मुंबई पुलिस उस पर कथित तौर पर ‘झूठा बयान दिलवाने के लिए दबाव’ डाल रही है।
हंसा ने लगाया कर्मचारियों को धमकानें का आरोप
हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड ने क्राइम ब्रांच को “पक्षपातपूर्ण” होने का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट से इस मामले की जांच को सीबीआई या किसी अन्य राज्य एजेंसी स्थानांतरित करने का आग्रह किया है।
हंसा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि पुलिस उनके कर्मचारियों को फर्जी बयान जारी करने के लिए दबाव बना रही है। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में हंसा ग्रुप ने महाराष्ट्र पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे पर बड़ा खुलासा किया है, सचिन वाजे पर हंसा के कर्मचारियों को ‘हिरासत और गिरफ्तारी का डर दिखाकर गलत बयान देने पर मजबूर करने का आरोप लगाया है।’ हंसा ग्रुप के मुताबिक उसके कर्मचारियों को एक ‘चैनल का नाम लेने के लिए धमकाया’ गया।