कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन में पास होने पर कैडिला बढ़ाएगी अपनी प्रोडक्शन क्षमता

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मुंबई। कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने कोरोना की दवा के क्लीनिकल ट्रायल में पास हो जाने के बाद प्रोडक्शन क्षमता को बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी संभावित भागीदारों के साथ बात कर रही है। अभी तक भारत की दो कंपनियों ने कोरोना की दवा को बनाने का दावा किया है।

कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक (एमडी) शार्विल पटेल के अनुसार, कंपनी अपने प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन की अतिरिक्त 5 करोड़ से 7 करोड़ डोज के लिए कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को नियुक्त करना चाहती है, जिनके पास ऐसी क्षमता हो। हालांकि उन्होंने कंपनियों के नाम बताने से और वैक्सीन विकसित करने में किये गए निवेश के आंकड़े को बताने से इनकार कर दिया

उन्होंने कहा कि हम वैक्सीन विकसित करने की प्रक्रिया के उस हिस्से को आगे बढ़ाने के लिए केवल दूसरे चरण का इंतजार कर रहे हैं। पटेल कैडिला में तीसरी पीढ़ी के मैनेजमेंट में हैं। उन्होंने कहा कि हम उन कंपनियों के साथ जुड़ना चाहेंगे जो इसे अन्य देशों के लिए उपयोग करना चाहती हैं। हम इसे अन्य बाजारों और देशों के लिए लाइसेंस देंगे ताकि हम भारत से बाहर के लिए अधिक मैन्युफैक्चरिंग कर सकें

भारत दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों वाला देश
अमेरिका के बाद दुनिया के सबसे बड़े संक्रमण वाले देश में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक सुरक्षित वैक्सीन का निर्माण करना और उसे वितरित करना एक प्रमुख प्राथमिकता है। पिछले हफ्ते एक पैनल ने भविष्यवाणी की थी कि दक्षिण एशियाई देश संक्रमण के चरम पर हैं। कई देश कोरोना के संभावित प्रसार से चिंतित हैं क्योंकि त्यौहारों का सीज़न चल रहा है। देश में उत्तर भारत की ठंड और प्रदूषित सर्दियों का मौसम शुरू होने वाला है।

कैडिला के साथ कई और कंपनियां हैं
वैक्सीन का परीक्षण करने वाली कई भारतीय कंपनियों में से कैडिला एक है। दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सीन के लिए ट्रायल कर रहा है। डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड ने अंतिम चरण के परीक्षणों के संचालन और रेगुलटरी अप्रूवल प्राप्त करने के बाद भारत में रूसी टीका वितरित करने की योजना बनाई है। ट्रायल रीक्रूटमेंट कैडिला और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, दोनों भारतीय दवा निर्माता अपनी स्वदेशी वैक्सीन विकसित कर रहे हैं। वर्तमान में दूसरे चरण के इंसानों के ट्रायल पर तेजी से काम कर रहे हैं।

नवंबर तक ट्रायल्स के डेटा की उम्मीद
पटेल कहते हैं कि नवंबर के अंत तक ट्रायल्स के डेटा को देखने की उम्मीद है। यदि परिणाम सही रहे तो कैडिला दिसंबर में 30 हजार से अधिक लोगों के लिए अंतिम चरण के ट्रायल के लिए भर्ती शुरू करेगी। पटेल ने कहा कि इस प्रक्रिया में दो से तीन महीने लगेंगे। उन्होंने कहा कि देश के नियामक (रेगुलेटर) खुद तेजी से काम कर रहे हैं, जो एक अच्छी बात है।

50 हजार करोड़ रुपए की रकम तय
इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार, भारत सरकार ने दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश को टीका लगाने के लिए लगभग 50 हजार करोड़ रुपए की राशि तय की है। सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने भविष्यवाणी की है कि भारत को पूरे देश में लोगों की खरीद और वैक्सीन देने के लिए लगभग 80 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।

पटेल ने कहा कि एक बार जब बाजार बन जाते हैं, तो हमें यह देखना होगा कि यह देश के हर हिस्से के हर नुक्कड़ पर पहुंच कैसे सकता है। ऐसे में इसके वितरण या कोल्ड स्टोरेज को लेकर हमें अभी चिंता नहीं करनी चाहिए।