रिपब्लिक TV के 100 कर्मचारियों के खिलाफ झूठी FIR दर्ज, हार से बौखलाए परमवीर

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मुंबई। टीआरपी घोटाला मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अब मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के 1000 पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि वे मुंबई पुलिस को बदनाम कर रहे थे। हालांकि रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस की कार्रवाई को टारगेटेड अटैक मानता है और उसका कहना है कि इन आरोपों को वह झूठा साबित करके दिखाएंगे।

इससे पहले अर्णब गोस्वामी टीवी पर मुंबई पुलिस पर चीखते नजर आए। वह टीवी पर मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह को वन टू वन बात करने की चुनौती दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘परमबीर सिंह टीआरपी कांड में फंस गए हैं। मेरे सहयोगियों से सवाल कते हो, मेरे साथ वन टू वन बात करो। जांच करो। लेकिन मेरे खिलाफ अगर गलत आरोप लगाने की कोशिश की, अगर संविधान का उल्लंघन किया या अपनी वर्दी की मर्यादा नहीं रखोगे तो याद रखना, मैं क्या पूरा भारत तुम्हें माफ नहीं करेगा।’

मुंबई पुलिस ने धारा 91 के तहत रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क एक नोटिस भी जारी किया था। इस नोटिस में पुलिस ने चैनल के सभी आर्थिक, कॉन्ट्रैक्चुअल डीटेल मांगी थीं। यह जानकारी 22 अक्टूबर को चैनल के वित्तीय अधिकारी को नोटिस जासी करके मांगी थी। दरअसल इस बार की टीआरपी में रिपब्लिक टीवी सभी टीवी चैनलों में सबसे ऊपर था। इसपर कई तरह के सवाल भी उठने लगे और मुंबई पुलिस ने टीआरपी स्कैम का आरोप लगाया। सरकार ने भी कुछ हफ्तों के लिए टीआरपी के आंकड़े पर रोक लगा दी है।

टीआरपी घोटाले की जांच सीबीआई की टीम कर रही है। टीम ने लखनऊ में पुलिस के दो अधिकारियों से भी पूछताछ की। बता दें कि अर्नब गोस्वामी ने इन आरोपों के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दी है। रिपब्लिक टीवी ने मुंबई पुलिस की एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।

चौकानें वाली बात यह है कि मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को इन सभी विवरणों को केवल 12 घंटों में प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इन सबकी जानकारी मांगने वाले पुलिस कमिश्नर को गुमराह करने में बिकाऊ चैनलों का भी हाथ है। उन्हें यह हजम नहीं हो रहा कि रिपब्लिक टीवी नंबर वन पर कैसे आ गया। इसलिए सब हाथ धोकर उसके पीछे पड़े हैं। रिपब्लिक TV पर मुंबई पुलिस की इस ओछी हरकत की LENDEN NEWS निंदा करता है।