नई दिल्ली। मोबाइल फोन की कीमतों में लगभग 3 फीसद की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने शुक्रवार को आशंका जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने डिस्प्ले के आयात पर 10 फीसद शुल्क लगाया है। इससे स्मार्ट मोबाइल फोन्स की कीमतों पर असर पड़ेगा। इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के सदस्यों में Apple, Huawei, Xiaomi, Vivo और Winstron शामिल हैं।
2016 में उद्योग जगत के साथ सर्वसम्मति से चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) की घोषणा की गई। पीएमपी के तहत डिस्प्ले, असेंबली और टच पैनल पर ड्यूटी 1 अक्टूबर 2020 से लागू करने का प्रस्ताव था। पीएमपी का उद्देश्य इसके बाद घटकों के विनिर्माण को सुविधाजनक बनाना और इसके बाद आयात को हतोत्साहित करना था।
उद्योग मंडल आईसीईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने एक बयान में कहा, “मोबाइल फोन की कीमतों पर 1.5 से 3 फीसदी का असर पड़ेगा।” उन्होंने आगे कहा,” कोविड-19 और एनजीटी की वजह से उद्योग तुरंत डिस्प्ले एसेंबली का प्रोडक्शन तेज नहीं कर सकता। हम सब-एसेंबली और मोबाइल कंपोनेंट के घरेलू विनिर्माण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, अब पूरा फोकस वैश्विक बाजारों में मेक इन इंडिया का हिस्सा लेने के लिए है, न कि सिर्फ आयात प्रतिस्थापन के लिए। “
वहीं वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल द्वारा प्रमोटेड वोल्कान इन्वेस्टमेंट ने 2016 में देश का पहला एलसीडी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट डालने का प्रस्ताव दिया था। ट्विनस्टार डिस्प्ले टेक्नोलॉजीज के नाम पर लगभग 68,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ देश की पहली एलसीडी निर्माण इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी नहीं मिली और यह परियोजना भी बंद नहीं हो सकी।मोहिन्द्रू ने कहा कि ICEA जल्द ही डिस्प्ले इकोसिस्टम पर एक रिपोर्ट लेकर आएगी जो न केवल असेंबली बल्कि पूरे डिस्प्ले फैब्स पर फोकस करेगी।