मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत केस में बीते 36 घंटों में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) न सिर्फ जांच की दशा और दिशा बदल दी है, बल्कि एक के बाद एक तीन बड़ी गिरफ्तारी कर मुंबई पुलिस के 66 दिनों की जांच पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल ये कि जो ड्रग लिंक पर एनसीबी से ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां कीं, 66 दिनों में मुंबई पुलिस या तो उसे सूंघ नहीं पाई, या फिर सूंघना चाहती नहीं थी।
एनसीबी को शनिवार को तीन बड़ी सफलता मिली। शौविक चक्रवर्ती और सैमुअल मिरांडा को किला कोर्ट ने 9 सितंबर तक एनसीबी की रिमांड पर भेज दिया, जबकि शाम ढलते ही चश्मदीद गवाह दीपेश सावंत को भी एनसीबी ने गिरफ्तार कर लिया। दीपेश पर भी ड्रग खरीदने के आरोप हैं।
ड्रग ऐंगल पर चुप्पी साध गए मंत्रीजी
शनिवार दिन में भी महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का एक बयान भी आया। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस सीबीआई का पूरा सहयोग कर रही है, लेकिन जब देशमुख से पूछा गया कि 66 दिनों की पड़ताल में ड्रग ऐंगल की भनक भी पुलिस को क्यों नहीं लगी तो मंत्री महोदय हाथ जोड़कर बिना कुछ बोले चले गए। जबकि यही अनिल देशमुख मुंबई पुलिस की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस से तुलना पर फूले नहीं समाते।
मुंबई पुलिस को कैसे नहीं लगी भनक?
सवाल उठना लाजिमी है कि जब ड्रग पेडलर्स मुंबई से गिरफ्तार हुए हैं, सुशांत की मौत के बाद भी मिरांडा ने जैद विलात्रा से ड्रग खरीदे तो इसकी भनक मुंबई पुलिस को कैसे नहीं लगी? मुंबई पुलिस ने रिया चक्रवर्ती से लेकर सैमुअल मिरांडा तक सबसे पूछताछ की, जाहिर तौर पर इनके मोबाइल रेकॉर्ड्स भी खंगाले होंगे, फिर भी ड्रग डील पर नजर कैसे नहीं गई? जैद विलात्रा और अब्दुल बासित परिहार दोनों ने एनसीबी से पूछताछ में बॉलिवुड ड्रग रैकेट का खुलासा किया है, तो क्या इतने दिनों से यह सब मुंबई में चल रहा है और अपराधी ‘सबसे स्मार्ट पुलिस’ से कहीं ज्यादा स्मार्ट हैं? सवाल कई हैं, पुलिस की मंशा पर भी और कार्यशैली पर भी।
आज हो सकती है रिया की गिरफ्तारी?
एनसीबी ने अब रविवार को रिया चक्रवर्ती को पूछताछ के लिए समन किया है। शुक्रवार से जिस तरह एनसीबी ऐक्टिव हुई है, संभव है कि पूछताछ के बाद सबूत मिलने पर रिया की भी गिरफ्तारी हो जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शौविक ने एनसीबी से कहा है कि उसने रिया के लिए ड्रग्स खरीदे थे। सैमुअल ने कहा कि उसने सुशांत के लिए ड्रग्स खरीदे। शौविक, सैमुअल के कई ड्रग चैट एनसीबी के पास हैं, जिसमें रिया के नाम का जिक्र है। रविवार को एनसीबी रिया, शौविक, सैमुअल और दीपेश को आमने सामने बिठाकर पूछताछ करेगी। जरूरत पड़ी तो रिया को जैद विलात्रा और अब्दुल बासित परिहार के सामने भी बिठाया जाएगा। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इनमे से अब्दुल रिया के घर भी आता जाता था। यानी कई सबूत हैं जो ड्रग लिंक में रिया की ओर इशारा कर रहे हैं।
सुशांत का कसूरवार कौन?
सुशांत का गुनहगार कौन है? 84 दिन बाद भी ये सवाल बना हुआ है। सीबीआई और ईडी की जांच भी जारी है, लेकिन उस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है जो देश जानना चाहता है- सुशांत की मौत कैसे हुई? उन्होंने आत्महत्या की? उनकी हत्या हुई? या फिर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया गया? दिलचस्प यह भी है कि मौत के कारण का पता लगाने के लिए शुरू हुई जांच पैसों की हेराफेरी से लेकर ड्रग चैट और अब ड्रग रैकट तक पहुंच गई है। देश की तीन बड़ी जांच एजेंसी परते खंगाल रही है, दो राज्यों की पुलिस शुरुआती छानबीन कर चुकी है, लेकिन इस असल सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है।