सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से CBI का शक गहराया

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मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत का कारण जानने के लिए सीबीआई हर कोशिश में जुटी है। हर दिन में इस केस में ऐसा कुछ सामने आ रहा है जो कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस केस को और पेंचिदा बना दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ये खुदकुशी का मामला नहीं लगता।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट को देखकर जो अहम सवाल उठते हैं वो ये कि

1.सुशांत के गले पर बने निशान और कपड़े में अंतर क्यों है?
2.पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के वक्त का जिक्र क्यों नहीं है? 
3.आमतौर पर शाम ढलने के बाद पोस्टमार्टम नहीं होता लेकिन रात में पोस्टमार्टम हुआ? 
4.मुंबई पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों थी?
5,पोस्टमार्टम से पहले सुशांत का कोरोना टेस्ट क्यों नहीं किया गया?

पुलिस को अब तक नहीं मिली फाइनल रिपोर्ट
पूछताछ में कूपर अस्पताल के डॉक्टरों ने सीबीआई को बताया है कि उन्होंने मुंबई पुलिस के कहने पर जल्दबाजी में पोस्टमार्टम किया था। वहीं, सीबीआई की टीम ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खामियों को लेकर जब बांद्रा पुलिस से सवाल किया गया तो कहा गया कि अभी फाइनल रिपोर्ट नहीं मिली है। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुशांत की मौत की वजह फांसी लगने या दम घुटना बताया गया है, जबकि रिपोर्ट में गले पर लिगेचर मार्क होने का जिक्र है। इसे सामान्य भाषा में गहरा निशान कहा जाता है। ऑटोप्सी रिपोर्ट में भी इसका जिक्र है। गौर करने वाली बात है कि सुशांत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान के शव का पोस्टमार्टम मौत के दो दिन बाद किया गया था तो सुशांत के मामले में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई।  

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिलेंगे जवाब?
एम्स की फोरेंसिक टीम सुशांत की मौत के मामले में मेडिकल निष्कर्षों के साथ चोट के पैटर्न का विश्लेषण करेगी। एक्सपर्ट्स शव पर लगी चोटों के पैटर्न को देखेंगे और पारिस्थितिक सुबूतों के साथ इनका मिलान करेंगे। इसके अलावा खुदकुशी व हत्या में अंतर करने के लिए ऑटोप्सी के समय संरक्षित रखे गए सुबूतों का भी विश्लेषण होगा। रिपोर्ट के आधार पर ही फोरेंसिक एक्सपर्ट मौत के कारणों की जांच होगी।