नई दिल्ली। भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम करने और उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्री फिटेड बैटरी के बगैर ही इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन और बिक्री को हरी झंडी दे दी है। सरकार के इस कदम से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। दरअसल प्री फिटेड बैटरी के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत काफी बढ़ जाती है जिसकी वजह से इन्हें खरीदना कई सारे लोगों के बजट के बाहर चला जाता है। इस समस्या को अब सरकार ने दूर कर दिया है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की तरफ से दिए गए बयान में इस मामले पर कहा गया है कि मंत्रालय ने प्री फिटेड बैटरी के बिना इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दे दी है। सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के ट्रान्सपोर्ट सेक्रेटरीज को लिखे लेटर में मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि टेस्ट एजेंसी द्वारा जारी अप्रूवल सर्टिफिकेट के प्रकार के आधार पर बिना बैटरी के इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन और बिक्री हो सकती है।
आपको बता दें कि जब भी आप कोई इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते हैं तो उसकी पूरी कीमत में लगभग 40 से 50 प्रतिशत लागत महज उस वाहन की बैटरी की होती है जो काफी ज्यादा है। हालांकि अब इलेक्ट्रिक दुपहिया और तीन पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन प्री फिटेड बैटरी के बगैर हो करवाया जा सकता है जिससे वाहन की लागत में भारी कमी देखने को मिलेगी।
इस फैसले के बाद अब इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का मन बना रहे लोगों को काफी फायदा मिलेगा क्योंकि उन्हें अब इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए ज्यादा रकम नहीं चुकानी पड़ेगी। अब बैटरी को कंपनियां या एनर्जी सर्विस प्रोवाइडर अलग से उपलब्ध करा सकेंगे।
पहले इलेक्ट्रिक वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए उसकी बैटरी की डीटेल्स की जरूरत पड़ा करती थी लेकिन अब सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने यह बात साफ़ कर दी है कि टेस्ट एजेंसी द्वारा जारी अप्रूवल सर्टिफिकेट के प्रकार के आधार पर बैटरी के बगैर ही इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है साथ ही साथ इसकी बिक्री भी की जा सकती है।
इलेक्ट्रिक वाहन कम खर्च में चलाए जा सकते हैं साथ ही साथ ये पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं ऐसे में अगर इन्हें खरीदने के लिए ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ेगी तो ये वाहन प्रचलन में नहीं आ पाएंगे और प्रदूषण के स्तर को घटाना काफी मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में इन वाहनों की लागत जितनी कम होगी ये वाहन उतनी ही जल्दी प्रचलन में आ पाएंगे और देश में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकेगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण के लिए बैटरी की डीटेल्स की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स 1989 के नियम 126 के अनुसार निर्धारित टेस्ट एजेंसियों द्वारा बैटरी के टाइप को अप्रूव करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी के प्रोटोटाइप की जरूरत है।