कोरोना बीमाधारकों के कैशलेस इलाज से इंकार किया तो होगी हॉस्पिटल पर कार्रवाई

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नई दिल्ली।अब अगर कोई अस्पताल किसी बीमाधारक को कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा देने से मना करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) ने कोरोना मरीजों को देखते हुए बीमा कंपनियों को ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी धारक कोविड-19 मरीजों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने से मना कर रहे हैं।

बीमा कंपनियों के साथ समझौते के बावजूद इलाज से इनकार करने वाले ऐसे अस्पतालों के खिलाफ शिकायतों का हवाला देते हुए इरडा ने बीमाकर्ताओं से उचित सरकारी एजेंसी में शिकायत करने को कहा है।

वेबसाइट पर डाले कार्रवाई का ब्यौरा
इरडा ने बीमाकर्ताओं से ऐसे अस्पतालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी देने करने को कहा है। बीमा कंपनियों को कोविड-19 के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट से संबंधित शिकायतों की सुनवाई और उसके हल के लिए अगल व्यवस्था करने को कहा है।

अगर अस्पताल इलाज से इनकार करे तो–
इरडा के अनुसार अगर किसी पॉलिसीधारक को कोई अस्पताल जो बीमा कंपनी की लिस्ट में हो, कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए मना करता है तो बीमाधारक इसकी शिकायत “उपयुक्त सरकारी एजेंसियों” में करना चाहिए। इसके अलावा बीमाधारक बीमा कंपनी को शिकायत भेज सकते हैं। ऐसे अस्पताल पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

10 जुलाई को लॉन्च हुई ‘कोरोना कवच’ पॉलिसी
इरडा ने सभी स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से अनिवार्य रूप से उपभोक्ताओं के लिए एक स्टैंडर्ड व्यक्तिगत कोविड-19 हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ‘कोरोना कवच’ लाने को कहा था जो केवल कोविड-19 के लिए है। ‘कोरोना कवच’ पॉलिसी को कोरोना काल में लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें कोरोना संक्रमित पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती, भर्ती होने से पहले और बाद और घर में देखभाल सहित इलाज से जुड़े अन्य खर्चे कवर होंगे। सभी 30 साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां जो हेल्‍थ पॉलिसी देती हैं, वहां से ये पॉलिसी ली जा सकती है।