महाकाल दर्शन की लालसा में नेताओं ने तोड़े कोरोना से बचाव के नियम

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उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में इन दिनों श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। विडंबना यह है कि कोरोना संकट के दौरान नेता और उनके समर्थक नियम तोड़ रहे हैं। वे ना तो सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं और ना ही मास्क लगा रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

अनलॉक-1 के बाद उज्जैन में महाकाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों के पट खोल दिए गए थे। महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आम श्रद्धालुओं के साथ बड़ी संख्या में नेताओं और उनके समर्थकों का आना भी जारी है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन द्वारा शारीरिक दूरी, मास्क लगाने आदि को लेकर गाइडलाइन तय की गई है, लेकिन नेता और उनके समर्थक इसका पालन नहीं कर रहे हैं।

बीते एक महीने में मंदिर दर्शन के लिए भाजपा और कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों ने ये नियम तोड़े हैं। मंगलवार को दर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के समर्थकों ने भी इन नियमों को तोड़ा है। इससे पहले प्रदेश के काबीना मंत्री कमल पटेल और नरोत्तम मिश्रा भी दर्शन के लिए मंदिर आ चुके हैं। उस समय भी ये नियम टूटते दिखाई दिए थे। गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद आठ जून को महाकाल मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था।

गर्भगृृह तक चले गए थे विजयवर्गीय
एक जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला महाकाल मंदिर आए थे। मंदिर सूत्रों के अनुसार दर्शन के लिए दोनों नेता गर्भगृृह में चले गए थे, जबकि इन दिनों गर्भगृृह में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। मामले में अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे थे।