मुंबई। बॉलिवुड ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले में मुंबई पुलिस जांच कर रही है। सुशांत के निधन के बाद से ही फिल्म इंडस्ट्री कुछ लोगों और उनके फैन्स का यह दावा है कि सुशांत काफी भेदभाव और खेमेबाजी के शिकार हुए थे जिसके कारण वह डिप्रेशन में आ गए और उन्होंने आत्महत्या कर ली।
इस बीच सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी अफवाहें चल रही हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उनकी हत्या हुई थी। आइए, जानते हैं पुलिस, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट्स के आधार पर इन दावों में कितनी सच्चाई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट क्या कहती है?
सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ लिखा है कि उनकी मौत दम घुटने के कारण हुई है। मुंबई पुलिस ने इसकी पुष्टि भी की है। फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने के किसी भी मामले में यह सामान्य होता है कि मौत दम घुटने के कारण ही होती है। इसके अलावा बताया जा रहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी भी तरह के स्ट्रगल या गला दबाकर मारे जाने का जिक्र नहीं किया गया है। इसलिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर यह दावा खारिज हो जाता है कि सुशांत की हत्या हुई थी।
कमरे में स्टूल क्यों नहीं था?
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि सुशांत ने जिस कमरे में आत्महत्या की थी उस कमरे में कोई स्टूल या कुर्सी जैसी ऊंचा प्लैटफॉर्म नहीं पाया गया है जिसपर चढ़कर आत्महत्या की जाए। पुलिस को सुशांत के कमरे में कोई स्टूल नहीं मिला है। एक रिपोर्ट में पुलिस ने बताया है कि सुशांत के कमरे में उनके बिस्तर की ऊंचाई और सुशांत की हाइट इसके लिए काफी थी कि वह पंखे की रॉड में फंदा लगा सकें।
मेडिकल और फरेंसिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई मामलों में ऐसा देखा गया है जबकि मरने वाले के पैरों और जिस प्लैटफॉर्म पर चढ़कर फांसी लगाई जाती है, उनके बीच काफी कम अंतर होता है लेकिन फिर भी मौत हो जाती है। माना जा रहा है कि सुशांत की आत्महत्या के मामले में भी ऐसा ही हुआ है।
दरवाजा बाहर से बंद किया गया था?
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सुशांत की हत्या करने के बाद दरवाजा बाहर से बंद किया गया था। इस मामले में पुलिस ने सुशांत के उस कमरे की चाबी बनाने वाले के बयान भी दर्ज किए हैं। चाबी बनाने वाले ने पुलिस को साफ कहा है कि सुशांत का दरवाजा अंदर से लॉक किया गया था। उसने अपने बयान में कहा है कि सुशांत के कमरे के दरवाजे को बाहर से धक्का देकर खोलने की कोशिश जरूर की गई थी लेकिन उस दरवाजे के लॉक के साथ किसी तरह की न तो छेड़छाड़ की गई थी और न ही उसे बाहर से बंद किया गया था।
सुशांत के गले पर बने निशान पर उठ रहे हैं सवाल
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से ही उनके पार्थिव शरीर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई है जिसमें उनके गले पर लाल रंग का गहरा निशान दिख रहा है। लोग दावा कर रहे हैं कि यह निशान गला घोंटने के कारण बना है न कि फांसी लगाने के कारण। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुशांत ने एक हरे रंग के कपड़े से फांसी लगाई थी।
फरेंसिक एक्सपर्ट्स का ऐसा कहना है कि फांसी के समय सुशांत के गले में ब्लड क्लॉटिंग हुई होगी जिसके कारण यह गहरा लाल निशान बन गया। सबसे बड़ी बात अगर किसी को गला दबा कर मारा जाता है तो गले पर O शेप का निशान बनता है लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ है कि उनके गले पर कुछ U या V शेप का निशान बना था जोकि फांसी लगाकर आत्महत्या करने पर ही बनता है।
सोशल मीडिया पर सुशांत की मौत को हत्या ठहराने वाले दावे झूठे साबित होते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, फरेंसिक एक्सपर्ट, चाबी बनाने वाले के बयानों से साफ है कि सुशांत ने आत्महत्या ही की थी। मुंबई पुलिस का भी ऐसा ही मानना है कि सुशांत ने आत्महत्या की थी और इसीलिए उनकी मौत की जांच हत्या नहीं बल्कि प्रफेशनल राइवलरी, डिप्रेशन और पर्सनल लाइफ के ऐंगल से की जा रही है। सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे फर्जी हैं इन पर ध्यान न दें तो बेहतर है।