कोटा। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ.लोकमणि गुप्ता ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा रोग के नाम से नहीं वरन् रोगी के लक्षणों के आधार पर होती है। यह जानकारी डॉ. गुप्ता ने सेन्ट्रल कौन्सिल ऑफ़ रिसर्च इन होम्योपैथी एवं राष्ट्रपति भवन दिल्ली में संचालित आयुष वेलनेस सेंटर की ओर से कोविड 19 (covid -19) विभीषिका मेनेजमेंट में होम्योपैथिक चिकित्सा के उपयोग, प्रचार प्रसार, गहन अध्ययन एवं रोगियों को दी गई औषधियों के चिकित्सकीय परिणाम संकलन करने के लिए आयोजित वेबिनार में दी।
इस अवसर पर डॉ. गुप्ता ने कोविड-19 महामारी (covid -19 Epidemic) के उदगम, लक्षण, बचाव व उपचार के लिए अब तक किये गये कार्यों की जानकारी स्लाइड शो के माध्यम से सभी विषय विशेषज्ञों को दी। उन्होंने इस मौके पर सीसीआरएच के प्रतिनिधि डॉ. डीडी नायक से कोविड 19 (covid -19) विभिषिका मेनेजमेंट के लिए होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज जयपुर राजस्थान को भी सम्मिलित करने का सुझाव दिया। साथ ही होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के विकास में स्वयं की सेवाएं भी समर्पित करने का प्रस्ताव रखा।
डॉ. गुप्ता ने यह भी सुझाव दिया कि वर्तमान में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को जन सामान्य तक पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आशा सहयोगिनियों के बजाय सुशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सकों को रोजगार देकर जन जन तक पहुंचाया जाए।
कार्यक्रम में राजस्थान से डॉ. लोकमणि गुप्ता, सीसीआरएच दिल्ली के डायरेक्टर जनरल डॉ. अनिल खुराना के प्रतिनिधि रिसर्च आफिसर साईन्टिस्ट डॉ. देवदत्त नायक, राष्ट्रपति भवन में संचालित आयुष वेलनेस सेंटर के कन्सल्टेन्ट डॉ. योगेन्द्र राय एवं श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी कुरूक्षेत्र (सरकारी विश्वविद्यालय) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पीसी मंगल ने सारगर्भित तरीके से अपने अपने साइंटिफिक व्याख्यान प्रस्तुत किए।
आयोजन समिति सदस्य मनीष गुप्ता चांसलर, प्रो. एचएल वर्मा वाइस चांसलर, प्रो. आरके बहल डीन, डॉ. वरूण अरोड़ा रजिस्ट्रार, अनादि जांगरा एवं समस्त कार्यकारी दल के साथ उपस्थित सहभागियों ने अपने फीड बैक में सभी वक्ताओं द्वारा प्रस्तुत वार्ता को ज्ञानवर्धक बताया।