कोरोना संक्रमण के बहाने परीक्षाओं को टालने की प्राइवेट स्कूलों की साजिश

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जयपुर। कोरोना संक्रमण की आड़ में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कल से होने वाली परीक्षाओं को टालने की प्राइवेट स्कूलों की बहुत बड़ी साजिश सामने आई है। परीक्षाओं पर तत्काल रोक को लेकर राजस्थान उच्च न्यायलय में याचिका दायर हुई है।

यह याचिका राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी अजमेर की ओर से दायर की गई है। याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता शैलेशनाथ सिंह नें बताया की शिक्षा विभाग राज्य में बढ़ते कोराना संक्रमण के बीच परीक्षा आयोजित कर रहा हैं।

याचिका में कहा है कि इस परीक्षा में करीब 20 लाख परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने पर मजबूर किया जा रहा है। ऐसे में परीक्षार्थी और उनके अभिभावकों में भय है कि कहीं उनके बालक संक्रमित न हो जाए। संक्रमण के भय के साथ परीक्षार्थी परीक्षा में बैठने को मजबूर है। परीक्षा के साथ अब उनमें कोरोना भी मानसिक स्ट्रेस का कारण बन गया है।

याचिका में यह भी कहा गया की बालकों को परीक्षा में कम से कम 4 घंटे मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। जिसके लिए कोई भी परीक्षार्थी अभयस्त नहीं है। मास्क लगाने का अभ्यास नहीं होने के कारण परीक्षा कक्ष में 42 डिग्री तापमान में मास्क लगाकर परीक्षा देने से विद्यार्थी की गुणवत्ता पर भी भारी असर पड़ेगा।

सोसायटी के अध्यक्ष याचिकाकर्ता कैलाश शर्मा का कहना है की जब विकल्प मौजूद है तो शिक्षा विभाग 20 लाख विद्यार्थियों और उनके परिवार को संक्रमण के खतरे में क्यों ड़ाल रहा हैं? याचिका में यह भी कहा गया है की अब कोरोना के संक्रमित मरीज़ों में कोई लक्षण नहीं आ रहे हैं। इसलिए शिक्षा विभाग के लिए पहले से संक्रमित बालकों की पहचान करना भी नामुमकिन होगा।

याचिका में मांग की गई है की परीक्षार्थियों के हित और स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु इन परीक्षाओं पर तत्काल रोक लगाई जाए और बालको को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर इस वर्ष पास किया जाए। गौरतलब है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10वीं और 12वीं शेष परीक्षाएं कल से होने जा रही है। इन परीक्षाओं में 20 लाख से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत है जो परीक्षा देंगे।