मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को प्रमोटर के तौर पर हटा दिया है। उन्हें एक आम शेयरहोल्डर के तौर पर पुनर्वर्गीकृत (reclassified) किया है। सूत्रों के मुताबिक सेबी का फैसला इस सप्ताह के शुरू में यस बैंक के मौजूदा प्रबंधन और प्रमोटर्स की अपील के बाद आया था। इन लोगों ने दूसरी तिमाही में कपूर को हटाने के लिए कहा था।
जानकारी के अनुसार, सेबी के नियमों के तहत प्रमोटर को फंड जुटाने की गतिविधि को आगे बढ़ाने से पहले मर्चेंट बैंकर्स को कुछ कमिटमेंट और खुलासे देने की जरूरत होती है। ऐसे में कपूर के बैंक के साथ तनावपूर्ण संबंधों और हिरासत में होने के बाद खुलासा (disclosures) जमा करने में दिक्कत बताई। दो हफ्ते पहले यस बैंक को बैंक में नॉन-प्रमोटर शेयरहोल्डर के रूप में फिर से रखे जाने के लिए को-फाउंडर अशोक कपूर के परिवार से सहमति मिली थी।
दोनों प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग अब 1.42 प्रतिशत तक कम हो गई है। कपूर और उनके परिवार द्वारा संचालित फर्म यस कैपिटल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और मॉर्गन क्रेडिट्स एलवीटी लिमिटेड ने पिछले साल अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी थी। इसके बाद बैंक का स्टॉक फंड जुटाने के लिए भारी दबाव में आ गया था।
इस साल मार्च में एसबीआई के नेतृत्व वाले इक्विटी कंसोर्टियम (छह अन्य उधारदाताओं के साथ गठित) ने सरकार के कहने पर दस हजार करोड़ रुपए की पूंजी निवेश के जरिए यस बैंक को बेल आउट किया था। इससे एसबीआई (48.21 प्रतिशत) और अन्य वित्तीय संस्थानों हिस्सेदारी बैंक में बढ़ गई।
बैंक ने प्लान के तहत नया बोर्ड बनाया
इस रेस्क्यू प्लान के कारण नए बोर्ड की नियुक्ति हुई। साथ ही बैंक के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) से कुछ आर्टिकल्स को हटा दिया गया। बेलआउट पैकेज का उद्देश्य यस बैंक को बचाए रखना था। इसके बाद यह निजी बैंक आरबीआई के नियमों के तहत पर्याप्त इक्विटी पूंजी जुटाने में विफल रहा। नए प्रबंधन के तहत यस बैंक अब पब्लिक ऑफर के जरिये दस हजार करोड़ रुपए बाजार से जुटाने की योजना बना रहा है। बैंक ने सेबी से संपर्क कर उसे फास्ट ट्रैक के तहत एफपीओ को अंजाम देने की इजाजत मांगी है। ताकि वह आरबीआई के नियमों के मुताबिक बना रहे।
अशोक कपूर का निधन हो चुका है
मंगलवार को कपूर परिवार ने 2013 से लड़ी जा रही बॉम्बे हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने के अपने फैसले की जानकारी बैंक को भी दी। यस बैंक के संस्थापकों में से एक अशोक कपूर की मुंबई में नवंबर 2008 में हुए आतंकी हमले में मौत हो गई थी। इस वजह से भी राणा कपूर और अशोक कपूर के परिवार के बीच तनातनी चल रही है।