कोटा । लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान ई-पास (E-pass) की नई व्यवस्था के जरिए भले ही आमजन को थोड़ी राहत मिल गई हो, लेकिन अभी भी 35 फीसदी से अधिक पास रद्द या पेंडिंग सूची में शामिल हो रहे हैं। इसके पीछे मुख्य वजह ई-पास में कारण सहित पूरी जानकारी नहीं देना व आवश्यक दस्तावेजों का संलग्न नहीं करना है। यदि आपको मोबाइल पर लिंक से आवेदन फॉर्म भरने में दिक्कत है तो ई-मित्र (E mitra) के सहयोग से आवेदन कर सकते हैं।
राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि यदि कोई व्यक्ति पढ़ा-लिखा नहीं है तो वह वाहन अनुमति के लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकता हैं। लेकिन ऑफलाइन आवेदन में भी कारण का कॉलम पूरी तरह स्पष्ट करते हुए जानकारी देनी है। कारण संबंधी जो भी साक्ष्य हैं वह अवश्य अटैच करें। आधी अधूरी जानकारी के साथ फॉर्म आपका ई-पास अटका सकता है।
ई-पास के आवेदन के समय यह जरूरी
- आपको ई-पास क्यों लेना है? आवेदन में इसका कारण पूछा जाता है। यदि आप यह नहीं भरेंगे तो आवेदन स्वत: ही रद्द हो जाएगा। ऑफलाइन आवेदन में भी कारण भरना जरूरी है।
- आवेदन के साथ खुद की आईडी के लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट व ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य दस्तावेज जरूर सबमिट करें।
- यदि दूसरे राज्य में मरीज को दिखाकर आना है या मरीज के लिए दवा लेकर आनी है तो संबंधित अस्पताल या चिकित्सक की पर्ची होना आवश्यक है। इसमें नवीनतम पर्ची को सबमिट करें।
- ई-पास के रद्द होने पर कमी या कारण भी बताया जाता है। यदि नया फार्म भर रहे हैं तो उस कमी को जरूर पूरा करें।
- प्रदेश में ही कहीं जाना है : कोई अनुमति जरूरी नहीं
ई-पास के नियमों में बदलाव की वजह से अब प्रदेश के किसी भी जिले से दूसरे जिलों में जाने के लिए अनुमत श्रेणियों के लिए ई-पास की आवश्यकता नहीं है। यह छूट कर्फ्यू वाले इलाकों में लागू नहीं होगी। शाम सात से सुबह सात बजे तक यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। - राजस्थान से बाहर जाना है: ऑनलाइन व ऑफलाइन पास का ऑप्शन
यदि आपको राजस्थान से दूसरे राज्य में जाना है तो वाहन अनुमति के लिए आपके पास दो ऑप्शन हैं। आप ई-पास के जरिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें अनुमति का अधिकार जिला कलक्टर के पास है। दूसरे ऑप्शन में ऑफलाइन आवेदन जिला कलेक्टर कार्यालय, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, एसएचओ, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। - वाहन दूसरे राज्य भेजते हैं तो यह है नियम
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रवासियों को छोडऩे के लिए कोई भी वाहन चालक दूसरे राज्य में अनुमति लेकर जा सकता है। लेकिन अनुमति में स्पष्ट लिखा जाएगा कि जाने की अनुमति यात्री व चालक व आने की अनुमति सिर्फ चालक को ही मिलेगी। - बस के लिए यह व्यवस्था
राजकीय व निजी बसों के लिए सिर्फ जिला कलेक्टर ही पास जारी कर सकेंगे। यदि जिले के ज्यादा प्रवासी फंसे हैं तो ट्रेन की अनुशंषा भी जिला कलेक्टर कर सकते हैं। - दूसरे राज्य से यहां आना है: उस राज्य की अनुमति आवश्यक
यदि आप राजस्थान के मूल निवासी है और यहां वापस आना चाहते है तो संबंधित राज्य के जिला प्रशासन से अनुमति लेकर आनी होगी। यहां से उसको किसी भी तरह की एनओसी की आवश्यकता नहीं रहेगी। लेकिन उस राज्य की ओर से एनओसी मांगी जाती है तो वह संबंधित जिला कलेक्टर जारी करेंगे। विभिन्न राज्यों में फंसे हुए प्रवासियों को लेने जाने वाले वाहनों के लिए जिला कलेक्टर ही वाहन अनुमति पत्र जारी कर सकेंगे।