नई दिल्ली। कोविड-19 के असर और लॉकडाउन की वजह से मार्च में यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री में 51% कमी आई। पिछले महीने 1 लाख 43 हजार 14 वाहन बिके। पिछले साल मार्च में यह आंकड़ा 2 लाख 91 हजार 861 यूनिट था। कमर्शियल वाहनों की बिक्री 88.95% घटकर 13 हजार 27 यूनिट रह गई, मार्च 2019 में 1 लाख 9 हजार 22 वाहन बिके थे। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबिल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) ने सोमवार को मार्च के आंकड़े जारी किए।
सभी श्रेणियों के वाहनों की कुल बिक्री 45% गिरी
दोपहिया वाहनों की बिक्री में 39.83% कमी आई है। पिछले महीने 8 लाख 66 हजार 849 दोपहिया वाहन बिके, जबकि मार्च 2019 में 14 लाख 40 हजार 593 बिके थे। सभी श्रेणियों के वाहनों की कुल बिक्री 44.95% गिरकर 10 लाख 50 हजार 367 यूनिट रही। पिछले साल मार्च में 19 लाख 8 हजार 97 यूनिट थी।
हर दिन 2300 करोड़ का नुकसान
एसआईएएम के प्रेसिडेंट राजन बढ़ेरा का कहना है कि इंडस्ट्री सरकार से बातचीत कर रही है। ताकि पॉलिसी से जुड़े ऐसे कदम उठाए जा सकें जिनसे ऑटो इंडस्ट्री पर कोविड-19 का असर कम हो जाए। एसआईएएम के मुताबिक लॉकडाउन में हर दिन ऑटो इंडस्ट्री को 2,300 करोड़ रुपए के प्रोडक्शन टर्नओवर का नुकसान हो रहा है।
लॉकडाउन की अवधि का ब्याज माफ करने की मांग
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबिल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर तुरंत मदद देने की मांग कही है। एफएडीए ने लॉकडाउन की अवधि के सभी तरह के कर्जों के ब्याज में पूरी तरह छूट मांगी है। साथ ही कहा है कि ब्याज में 4% छूट की स्कीम लॉकडाउन के बाद 9 महीने के लिए बढ़ाई जाए।