कोरोना की चेन टूटेगी 21 दिन में, सरकार लॉकडाउन बढ़ा सकती है 12 अप्रैल तक

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नई दिल्ली। सरकार देश में 21 दिन का लॉकडाउन रख सकती है। इसकी शुरुआत रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू से हुई थी और फिर देशभर में लॉकडाउन शुरू हो गया था। अब आसार हैं कि यह लॉकडाउन 12 अप्रैल तक चले। दरअसल काेरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी है कि उसका क्रम तोड़ा जाए और इसके लिए लोगों को 21 दिन तक घरों में रखना आवश्यक है। अगर ऐसा हुआ तो लोगों के घरों से निकलने पर 12 अप्रैल तक पाबंदी रहेगी। यानी 100 करोड़ से ज्यादा की आबादी तब तक घरों में ही रहेगी।

जनता कर्फ्यू के बाद केंद्र ने राज्यों को एडवाइजरी भेजी थी और तब राज्य सरकारों ने लॉकडाउन शुरू किया था। जब लोगों ने इसे नहीं माना तो सोमवार को 6 राज्यों दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, चंडीगढ़, पुडुचेरी और गोवा ने 31 मार्च तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया। अभी इन 6 राज्यों समेत कुल 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 600 जिलों में लॉकडाउन है।

कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने के लिए 21 दिन क्यों जरूरी?
कोरोना दुनियाभर में 4 स्टेज में फैला है। भारत को अभी स्टेज 2 में माना जा रहा है और स्टेज 3 में उसके जाने का खतरा है। इसी वजह से लॉकडाउन है।

पहली स्टेज
इम्पोर्टेड केस यानी विदेश से आए व्यक्ति में कोरोना था। कुछ देशों में ये दूसरे लोगों में बड़े पैमाने पर फैला। भारत में ज्यादातर मामले इसी वजह से हैं। इस स्टेज में 7 दिन तक इम्पोर्टेड केस बढ़ने का खतरा रहता है।

दूसरी स्टेज
लोकल ट्रांसमिशन यानी जो मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया, वह खुद विदेश नहीं गया, पर ऐसे व्यक्ति के संपर्क में रहा, जो विदेश से आया था। इस स्टेज में 14 दिन तक संक्रमण के मामले बढ़ने का खतरा रहता है। भारत को अभी इसी स्टेज में माना जा रहा है।

तीसरी स्टेज
कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी ऐसे मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे जो न खुद विदेश गए, न विदेश जाने वाले व्यक्ति के संपर्क में आए। यानी कोरोना फैलने का सोर्स नहीं पता चला। इस स्टेज में 21 दिन तक संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने का खतरा बना रहता है। भारत के सामने कोरोना तीसरी स्टेज में पहुंचने का खतरा है। इसी वजह से 2 दिन में देश के 33 राज्यों में लॉकडाउन कर दिया गया ताकि स्टेज 2 का खतरा स्टेज 3 या स्टेज 4 में न बदले।

चौथी स्टेज
एपिडेमिक यानी कोरोना के मामले बेतहाशा बढ़ने लगते हैं। चीन और इटली में ऐसा देखा गया। चीन में अब तक 81 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 3,200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इटली में 63 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और करीब 10% यानी 6 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।