संसद में हंगामे की जांच के लिए कमेटी गठित, राज्यसभा 11 मार्च तक स्थगित

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नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच घटे घटनाक्रम का अध्ययन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में एक समिति करेगी। निचले सदन में शुक्रवार को पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने जानकारी दी, ‘लोकसभा अध्यक्ष एक समिति का गठन करेंगे जो सदन में 2 मार्च से 5 मार्च तक के सभी घटनाक्रमों की जांच कर रिपोर्ट देगी।’

समिति की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे जिसमें सभी दलों के प्रतिनिधि होंगे। गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग पर अड़े कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही सुचारू तरीके से नहीं चल पा रही है।

गुरुवार को कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने हंगामे के बीच ही अध्यक्ष की पीठ से कुछ कागज उठाकर फाड़ दिये और उछाल दिए थे जिसके बाद 7 कांग्रेस सदस्यों को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। इन सदस्यों में गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला शामिल हैं ।

राज्यसभा 11 मार्च तक के लिए स्थगित
दिल्ली में हिंसा के मुद्दे पर राज्यसभा में लगातार पांचवें दिन भी गतिरोध कायम रहने से कामकाज बाधित रहा। कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही को 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल, आप, एसपी, और लेफ्ट पार्टियों के सदस्यों ने दिल्ली में हिंसा पर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य आसन के समीप भी आ गए। सभापति ने सदस्यों से शांत होने और अपने स्थानों पर जाने तथा सदन को सुचारू रूप से चलने देने की अपील की। सदन में शोर थमता नहीं देख उन्होंने बैठक बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सोमवार और मंगलवार को होली के कारण सदन की बैठक नहीं होगी।

राहुल की अगुआई में कांग्रेस का प्रदर्शन
लोकसभा के अपने सात सदस्यों के निलंबन के खिलाफ और दिल्ली हिंसा पर जल्द चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने हुए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने अपनी बांह पर काली पट्टी बांध रखी थी। राहुल गांधी और कई अन्य सदस्य बाद में काली पट्टी बांधकर ही लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए। अपने सात सदस्यों के निलंबन का विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि यह कदम सरकार ने विपक्ष को डराने के मकसद से उठाया है।