नाराज किसानों का रायपुर-जबलपुर हाईवे पर जाम, 20 किमी तक वाहनों की कतार

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कवर्धा। छत्तीसगढ़ में किसानों से एक-एक धान खरीदने का वादा और दावा आखिरी दिन गुरुवार को हवा हो गया। धान नहीं बेच पाने से नाराज किसान सड़क पर उतर आए। उन्होंने कवर्धा के ग्राम बिरकोेना में रायपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे (एनएच-30) पर जाम लगा दिया। गुरुवार दोपहर 2 बजे से किसानों का चक्काजाम शुक्रवार को भी जारी है। जाम के चलते सड़क पर करीब 20 किमी लंबा जाम लग गया। किसान कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने धान से लदी अपनी गाड़ियों को आड़ा-तिरछा कर सड़क पर खड़ा कर दिया है। किसानों के इस विरोध प्रदर्शन और जाम के चलते रायपुर और बिलासपुर जाने वाली 20 से अधिक यात्री बसें भी नहीं चल रहीं है। हाईवे पर ट्रकों के साथ ही चार पहिया वाहन भी फंस गए हें। ग्राम छिरहा से बिरकोना से धर्मपुरा तक वाहनों की कतार लगी हुई है। किसानों ने रातभर नगाढ़ा बजाकर शासन-प्रशासन को जगाने का प्रयास किया, लेकिन एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है।

12 हजार किसानों का 9.30 लाख क्विंटल धान नहीं बिक सका
दरअसल, धान खरीदी का अंतिम दिन गुरुवार को खत्म हो गया। इस दौरान जिले में 12 हजार किसान अपना 9.30 लाख क्विंटल धान नहीं बेच सके। इसके चलते उनमें नाराजगी है। पंडरिया ब्लॉक के रैतापारा में समिति प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों को किसानों ने बंधक बना लिया था। इसी डर के चलते अंतिम दिन ज्यादातर केंद्रों पर प्रबंधक पहुंचे ही नहीं। बताया जा रहा है कि टोकन कटा हुआ है, लेकिन बारदाना नहीं होने के कारण खरीदी नहीं हो सकी है। किसानों की मांग है कि धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाई जाए।

किसानों ने अनिश्चिकालीन धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। किसान हाईवे और कलेक्ट्रेट के बाहर ही जमे हुए हैं। वहीं उन्होंने चूल्हा जलाकर चटनी-भात पकाया और खाया। इसके साथ ही किसान ढोलक बजाकर फगुआ गा रहे हैं। वहीं भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक किसानों से धान खरीदी नहीं होगी, धरना खत्म नहीं होगा। नोडल अधिकारी बद्री चंद्रवंशी का कहना है कि डेढ़ लाख बारदाना जिले के लिए भेजा गया है, लेकिन सड़क जाम की वजह से बारदाना नहीं पहुंचा।